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बेटी Janhvi Kapoor के लिए उमड़ा Boney Kapoor का प्यार, Gunjan Saxena के बहाने दी इतनी दुआएं...

गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल अगले साल 13 मार्च को रिलीज़ हो रही है। फ़िल्म में अंगद बेदी और विनीत कुमार भी अहम किरदारों में दिखेंगे। जाह्नवी की यह दूसरी फ़िल्म होगी।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 09:27 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 09:27 AM (IST)
बेटी Janhvi Kapoor के लिए उमड़ा Boney Kapoor का प्यार, Gunjan Saxena के बहाने दी इतनी दुआएं...

नई दिल्ली, जेएनएन। 29 अगस्त को करण जौहर ने एयर फोर्स पायलट गुंजन सक्सेना की बायोपिक गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल के तीन पोस्टर रिलीज़ किये। इन तीनों पोस्टरों पर जाह्नवी कपूर गुंजन सक्सेना के लुक और गेटअप में नज़र आयीं। भाई अर्जुन कपूर समेत इंडस्ट्री के तमाम लोगों ने जाह्नवी को गुंजन सक्सेना के लिए बधाई दी, लेकिन इन सभी के बीच पापा बोनी कपूर ने भी बेटी को इस नई फ़िल्म के लिए बधाई दी, मगर इस बधाई में एक पिता का दुलार छिपा नज़र आया। 

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बोनी ने फ़िल्म का पहला पोस्टर शेयर करते हुए लिखा- आकाश सीमा नहीं है। तुम्हें इसके भी पार जाना है। बेटा तुम पर नाज़ है। इस पोस्टर पर जाह्नवी को काग़ज़ का हवाई जहाज उड़ाते हुए देखा जा सकता है।

दूसरे पोस्टर के साथ बोनी ने लिखा- बेटा, ईश्वर तुम पर कृपा बनाये रखे। जल्द दुनिया तुम्हारे लिये तालियां बजाएगी। इस पोस्टर पर फ्लाइंग अफ़सर की यूनिफॉर्म पहने जाह्नवी दूसरे अफ़सरों के बीच से गुज़र रही हैं और सभी तालियां बजा रहे हैं।

तीसरे पोस्टर के साथ बोनी ने लिखा- तुम्हारी वजह से सभी पिता अपनी बेटियों पर गर्व करेंगे। इस पोस्टर पर पंकज त्रिपाठी को जाह्नवी कपूर के गले लगते हुए दिखाया गया है। पंकज फ़िल्म में गुंजन सक्सेना के पिता का रोल निभा रहे हैं।

गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल अगले साल 13 मार्च को रिलीज़ हो रही है। फ़िल्म में अंगद बेदी और विनीत कुमार भी अहम किरदारों में दिखेंगे। जाह्नवी की यह दूसरी फ़िल्म होगी। 2018 में उन्होंने धड़क से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। 

गुंजन सक्सेना पहली महिला एयर फोर्स पायलट हैं। 1999 में कारगिल की लड़ाई के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने घायलों को बचाने में बड़ी ज़िम्मेदारी निभायी थी। उनकी पोस्टिंग कश्मीर के उस इलाके में थी, जहां पाकिस्तानी सैनिक भारी गोलाबारी कर रहे थे। मगर, गुंजन सक्सेना ने किसी हथियार की मदद लिये बिना घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया था। इस साहस के लिए गुंजन को शौर्य पुरस्कार प्रदान किया गया था। 


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