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फिल्मों में अपनी बदलती छवि का बॉबी देओल ने खोला राज, कहा- ‘मुझे हर तरह की फिल्में करनी हैं’

90 के दशक में रोमांटिक और लव ब्वॉय की छवि वाले अभिनेता बॉबी देओल इन दिनों इंडस्ट्री में अपनी छवि से हटकर लव हॉस्टल आश्रम जैसी वेब सीरीज में अलग हटकर किरदार निभा चुके हैं। अब उन्होंने अपनी बदलती इस छवि के राज का खुलासा किया है।

By Nitin YadavEdited By: Published: Sun, 01 May 2022 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2022 12:52 PM (IST)
Bobby Deol opened secret of his changing image in films.

दीपेश पांडेय, मुंबई। मौजूदा दौर में बॉबी देओल अपने शुरुआती दिनों की रोमांटिक, चाकलेटी हीरो वाली छवि को तोड़कर कई अलग-अलग और नई चीजें करते हुए नजर आ रहे हैं। ‘क्लास ऑफ 53’ और ‘लव हास्टल’ फिल्मों की बात करें या फिर वेब सीरीज ‘आश्रम’ के, बॉबी देओल के किरदारों में कहीं भी मीठी बातें बोलने वाला अभिनेता नहीं दिख रहा है।

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अब उन्होंने अपनी इस बदलती हुई छवि वाले किरदारों के बारे में हमारे संवाददाता दीपेश पांडेय से खास बात-चीत की है। आइए जाते हैं अभिनेता की बात-चीत के अंश।

अपनी इस बदली छवि पर बॉबी कहते हैं, ‘(हंसते हुए) मीठी बातें बहुत कर लीं, अब मुझे कड़वी बातें करनी हैं। उस दौर में अपनी इमेज को बदलना बहुत मुश्किल था। लोग अभी भी ‘सोल्जर’ में मेरे किरदार को याद रखते हैं तो यह जानकर अच्छा लगता है। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए उस छवि से निकला बहुत मुश्किल था। (मुस्कुराते हुए) क्या पता आगे चलकर मैं फिर से मीठी बातें बोलने लगूं। अगर कोई अच्छी कहानी और स्क्रिप्ट लिखी जाती है, जिसमें मैच्योर लव स्टोरी, फैमिली ड्रामा और रिलेशनशिप से जुड़ी बातें हों तो मैं जरूर करूंगा।’

करनी हैं हर तरह की फिल्में

अभिनेता ने बात-चीत के दौरान आगे कहा, ‘मुझे तो हर किस्म की फिल्में करनी हैं। जल्द ही मेरी फिल्म ‘पेंटहाउस’ आने वाली है। इसमें मेरा किरदार पुराने बॉबी देओल के जैसे ही दिखाई देगा। मुझे खुशी है कि मेरी आगामी सभी फिल्मों में मेरे अलग-अलग किरदार हैं। मैं अपने करियर में ये विविधता बहुत दिनों से चाहता था।’

हाल ही में बॉबी देओल का एक बयान सुर्खियों में रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे परिवार का इंडस्ट्री में कई लोगों ने गलत फायदा उठाया। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए क्या उन्होंने और उनके परिवार ने अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव भी किया है?

इस पर बाबी कहते हैं, ‘हम बहुत ही सीधे-सादे और साधारण लोग हैं। पापा ने बहुत से लोगों की मदद की है, लेकिन उनमें से कई लोग उनका फायदा उठाकर आगे बढ़े और फिर हमारा ही नाम खराब किया। हमारी परवरिश में यही सिखाया गया कि सबसे पहले अच्छा इंसान बनना जरूरी है। सच्चाई के साथ जियो और जमीन के साथ जुड़े रहो।'

'रही बात ऐसी चीजों से बचने के लिए जीवन में बदलाव की तो अगर हम इतने ही समझदार होते तो हर चीज प्लान बनाकर चलते।’ ‘हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम एक मजबूत और एकजुट देओल परिवार हैं।’


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