Bhediya: 3D में रिलीज होने वाली वरुण धवन की तीसरी फिल्म, जानें- देश में कब हुई थी 3डी की शुरुआत?
Bhediya In 3D पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड में 3डी फिल्मों का रिवाज बढ़ा है। पहले आम तौर पर एक्शन फिल्मों को 3डी में रिलीज किया जाता था मगर अब हर जॉनर की फिल्म को इस फॉरमेट में थिएटर्स में उतारा जा रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वरुण धवन की फिल्म भेड़िया शुक्रवार को सिनेमाघरों में पहुंच गयी। फिल्म 2डी के साथ 3डी फॉरमेट में भी रिलीज की गयी है। अगर, पिछले कुछ सालों में देखें तो बॉलीवुड में ऐसी फिल्मों की तादाद काफी बढ़ी है, जो इस फॉरमेट में रिलीज की गयी हैं। खुद वरुण की भेड़िया तीसरी फिल्म है, जो 3डी में आयी है। इससे पहले उनकी एबीसीडी 2 और स्ट्रीट डांसर 3डी में रिलीज हो चुकी हैं।
अगर, साल 2022 में आयी फिल्मों की बात करें तो रणबीर कपूर की ब्रह्मास्त्र पार्ट-1 और आरआरआर जैसी फिल्में 3डी फॉरमेट में रिलीज हुईं। 3डी के इस प्रसार के बीच आइए आपको बताते हैं, भारतीय फिल्मों में 3डी की शुरुआत कब और किस फिल्म से हुई?
38 साल पहले आयी थी भारत की पहली 3डी फिल्म
भारत में 3डी यानी 3 डाइमेंशनल फिल्मों के सफर को 38 साल पूरे हो चुके हैं। देश की पहली 3डी फिल्म मलयालम सिनेमा से आयी थी और इसका नाम था- माइ डियर कुट्टीचाथन (My Dear Kuttichathan) यह बच्चों के लिए बनायी गयी एक फैंटेसी फिल्म थी, जिसकी कहानी के केंद्र में तीन बच्चे थे। कुट्टीचाथन एक जिन्न था, जो बुरी ताकतों के कब्जे में था, मगर बच्चे इसे आजाद कर देते हैं और वो इनका दोस्त बन जाता है।
इस फिल्म का निर्देशन जीजो पुन्नूस ने किया था, जो फिल्म के सह निर्माता भी थे। इस फिल्म में कोट्टारक्कारा श्रीधरन नायर, सोनिया, मास्टर अरविंद और मास्टर मुकेश ने प्रमुख किरदार निभाये थे। इनके अलावा हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दलीप ताहिल भी फिल्म में एक अहम किरदार में नजर आये थे। फिल्म का संगीत इलैयाराजा ने दिया था।
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माइ डियर कुट्टीचाथन 24 अगस्त 1984 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और बड़ी हिट रही थी। इसी फिल्म को हिंदी में छोटा चेतन शीर्षक से रीमेक किया गया था। हिंदी वर्जन में शक्ति कपूर, उर्मिला मातोंडकर, सतीश कौशिक, रवि वासवानी और हरीश के दृश्य जोड़े गये थे। फिल्म की अवधि भी 25 मिनट बढ़ा दी गयी थी।
शिवा का इंसाफ- पहली 3डी हिंदी फिल्म
3डी फॉरमेट का खास चश्मा लगाकर फिल्म देखने का अनुभव उस दौर के दर्शकों के लिए बिल्कुल नया था और दिलचस्प भी। कुछ साल के अंतराल के बाद हिंदी सिनेमा ने 3डी फॉरमेट में फिल्मों के निर्माण पर फोकस करना शुरू किया और 1985 में आयी जैकी श्रॉफ की शिवा का इंसाफ।
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यह सुपरहीरो फिल्म थी, जिसके पोस्टरों पर पहली 3डी हिंदी फिल्म अंकित किया गया था। इस फिल्म में पूनम ढिल्लों, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर अहम किरदारों में थे। राज एन सिप्पी ने फिल्म का निर्देशन किया था। तुलसी रामसे श्याम रामसे की सामरी देश की पहली 3डी हॉरर फिल्म मानी जाती है। यह फिल्म 1985 में आयी थी।
कुछ चर्चित 3डी हिंदी फिल्में
पिछले डेढ़ दशक में बॉलीवुड में भी 3डी फिल्मों के निर्माण में तेजी आयी है। दर्शकों की ज्यादा संख्या को आकर्षित करने और रिवेन्यू के एक और मॉडल को विकसित करने की गरज से फिल्मों को 2डी के साथ 3डी में भी रिलीज किया जा रहा है।
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