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Bhanu Athaiya Death: देश को पहला ऑस्कर दिलाने वाली डिज़ाइनर भानु अथैया का निधन, आमिर ख़ान ने जताया दुख

Bhanu Athaiya Passes Away फ़िल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को याद करते हुए सोशल मीडिया में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। भानु ने ब्रिटिश फ़िल्म गांधी में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग के लिए एकेडमी अवॉर्ड जीता था। उन्होंने कई बेहतरीन फ़िल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग की।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 06:23 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:31 PM (IST)
Bhanu Athaiya Death: देश को पहला ऑस्कर दिलाने वाली डिज़ाइनर भानु अथैया का निधन, आमिर ख़ान ने जताया दुख
भानु अथैया ने स्वदेस और लगान के लिए भी कॉस्ट्यूम डिज़ाइन किये थे।(Photo- Twitter, Mid-Day)

नई दिल्ली, जेएनएन। देश को पहला ऑस्कर अवॉर्ड दिलाने वाली सेलिब्रेटेड फ़िल्म डिज़ाइनर भानु अथैया का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। फ़िल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को याद करते हुए सोशल मीडिया में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। भानु ने ब्रिटिश फ़िल्म गांधी में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग के लिए एकेडमी अवॉर्ड जीता था।

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मीडिया रिपोर्ट्स में भानु अथैया की बेटी राधिका गुप्ता के हवाले से बताया गया है कि उनका निधन उम्र संबंध समस्याओं की वजह से गुरुवार सुबह कोलाबा स्थित आवास पर हुआ। उन्हें हल्का बुखार और खांसी थी और एंटीबायोटिक दवाइयां ले रही थीं। भानु अथैया का जन्म कोल्हापुर में 28 अप्रैल 1929 को हुआ था। उनका असली नाम भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्ये था। 

सीआईडी से स्वदेस तक...

भानु अथैया ने बतौर कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर 100 से अधिक फ़िल्मों में काम किया। अपना करियर देव आनंद की फ़िल्म सीआईडी से 1956 में शुरू किया था। इसके बाद हिंदी सिनेमा के गोल्ड एरा में उन्होंने गुरु दत्त की प्यासा, चौदवीं का चांद और साहिब बीवी और गुलाम जैसी फ़िल्मों के कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग की। पांच दशक से अधिक के करियर में भानु ने कई बेहतरीन फ़िल्मों में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पर काम किया।

बाद में आमिर ख़ान की लगान, शाह रुख़ ख़ान की स्वदेस जैसी फ़िल्मों से उनका नाम जुड़ा। स्वदेस उनकी आख़िरी फ़िल्म है। लगान और स्वदेस के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने लिखा- कॉस्ट्यूम डिज़ाइन की दुनिया की एक कद्दावर शख़्सियत को खो दिया। बेहद विनम्र और सज्जन महिला। वाकई में एक लीजेंड। भानु ताई, आपके साथ काम करके मैं सम्मानित हूं। आपके साथ बिताया हर दिन बेहद ख़ास है। परिवार को गहरी संवेदनाएं। 

भानु अथैया का नाम गांधी के साथ इंटरनेशनल फ़िल्म समुदाय में गूंजा, जब 1982 की रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म गांधी के लिए उन्हें एकेडमी अवॉर्ड दिया गया था। उन्होंने यह अवॉर्ड जॉन मोलो के साथ साझा किया था। 2010 में अथैया ने अपनी किताब द आर्ट ऑफ़ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन रिलीज़ की, जिसे हारपर कोलिंस ने प्रकाशित किया था। 

भानु अथैया ने 1991 लेकिन और 2002 में लगान के लिए नेशनल फ़िल्म पुरस्कार भी जीता था। 2009 में हुए फ़िल्मफेयर अवॉर्ड समारोह में लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। 

इस वजह से लौटा दी ऑस्कर ट्रॉफी

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 2012 में उन्होंने अपना एकेडमी अवॉर्ड लौटाने की इच्छा ज़ाहिर की थी। उन्हें डर था, मौत के बाद परिवार उनकी ट्रॉफी की देखभाल नहीं कर पाएगा। 15 दिसम्बर 2012 को इस बात की पुष्टि हुई थी कि उन्होंने अपनी ट्रॉफी द एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज को लौटा दी है।


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