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Azadi Ka Amrit Mahotsav: 75वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न के लिए जय हे 2.0 रिलीज, आशा भोंसले सहित 75 सिंगरों ने दी प्रस्तुति

भारत के वीर सपूतों और स्वतंत्रता सैनानियों के श्रद्धांजलि देने के लिए Jaya Hey 2.0 प्रस्तुत किया गया है। इस गीत में देश भर के 75 गायकों ने अपनी शानदार आवाज में प्रस्तुति दी और गीत में भारत भाग्य विधाता के पांच श्लोक को भी शामिल किया गया है।

By Nitin YadavEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 01:31 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 01:31 PM (IST)
Azadi Ka Amrit Mahotsav: 75वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न के लिए जय हे 2.0 रिलीज, आशा भोंसले सहित 75 सिंगरों ने दी प्रस्तुति
Jaya Hey 20 Released to Celebrate 75th Independence Day.

नई दिल्ली, जेएनएन। हमारा देश इस वर्ष आजादी के 75साल पूरे करने जा रहा है। इस खास मौके का जश्न मनाने के लिए देश में भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। वहीं, आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय द्वारा हर घर तिरंगा अभियान का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशवासी अपने-अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहरा रहे हैं।

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अब आजादी के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए सौरेंद्रो मलिक और सौम्यजीत दास ने राष्ट्रीयगान जय हे 2.0 की रचना की है। हर्षवर्धन नेवतिया द्वारा प्रस्तुत इस गान को देश भर के प्रसिद्ध 75 सिगरों ने अपनी बेहतरीन आवाज में गाया है, जो भारत के वीर सपूतों और स्वतंत्रता सेनानियों को के एक संगीतय श्रद्धांजलि है। इस गान में भारत भाग्य विधाता गीत के पांचों श्लोक को भी शामिल किया गया है।

यहां देखें वीडियो

इन गायकों ने दी आवाज

जय हे 2.0 के गान में आशा भोसले, अमजद अली खान, हरिप्रसाद चौरसिया, हरिहरन, राशिद खान, अजय चक्रवर्ती, शुभा मुद्रल, अरुण साईराम, एल सुब्रमण्यम, विश्व मोहन, अनूप जलोटा, परवीन सुल्ताना, कुमार शानू, शिवमणि, बॉम्बे जयश्री, उदित नारायण, अलका याज्ञनिक, मोहित चौहान, शान, कैलाश खेर, साधना सरगम, शांतनु मोइत्रा, पापोन और वी. सेल्वगणेश जैसे दिग्गज कलाकार शामिल हैं।

वहीं, कौशिकी चक्रवर्ती, श्रेया घोषाल, महेश काले, अमान अली बंगश, अयान अली बंगश, टेटसो सिस्टर्स, अमृत रामनाथ, ओंकार धूमल, रिदम शॉ और अंबी सुब्रमण्यम जैसे युवा सिंगरों ने भी अपनी शानदार आवाज दी है।

आपको बता दें, भारत भाग्य विधाता गीत को रवींद्रनाथ टैगोर ने साल 1911 में लिखा था। जिसमें पांच श्लोक हैं। लेकिन साल 1950 में इस गीत के पहले श्लोक को राष्ट्रगान के रूप में मान्यता दी गई थी।


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