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एक हादसे के बाद आशा पारेख करना चाहती थीं ख़ुदकुशी, क्यों थीं ज़िंदगी से निराश

बिमल रॉय की फ़िल्म बाप बेटी में उन्होंने काम किया था। आशा के करियर में बिग ब्रेक तब आया, जब उन्हें प्रोड्यूसर सुबोध मुखर्जी ने दिल देके देखो के लिए साइन किया।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Thu, 06 Apr 2017 05:19 PM (IST)Updated: Sun, 09 Apr 2017 09:14 AM (IST)
एक हादसे के बाद आशा पारेख करना चाहती थीं ख़ुदकुशी, क्यों थीं ज़िंदगी से निराश
एक हादसे के बाद आशा पारेख करना चाहती थीं ख़ुदकुशी, क्यों थीं ज़िंदगी से निराश

मुंबई। साठ और सत्तर के दशकों में आशा पारेख ने ना सिर्फ़ हिंदी सिनेमा, बल्कि लोगों के दिलों पर भा राज किया था। उस दौर के लगभग सभी बड़े सितारों के साथ आशा की जोड़ी जमी।

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सुपरहिट फ़िल्मों के साथ उनका करियर आगे बढ़ता रहा, मगर एक दौर ऐसा भी आया, जब पर्दे की आशा को वास्तविक ज़िंदगी में निराशा ने घेर लिया था। ये निराशा इस क़दर बढ़ी कि वो अपनी ज़िंदगी को ख़त्म कर लेना चाहती थी। आशा की निराशा का कारण उनका करियर नहीं था, बल्कि निजी ज़िंदगी थी। दरअसल, आशा के माता-पिता की मौत ने उन्हें ऐसा सदमा पहुंचाया था कि वो डिप्रेशन में चली गई थीं और सुसाइड के ख्याल उनके ज़हन में आने लगे थे।

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पीटीआई को दिए इंटरव्यू में आशा बताती हैं- "यह मेरे लिए बहुत ख़राब दौर था। मैं अपने माता-पिता को खो चुकी थी। मैं पूरी तरह अकेली थी और मुझे सब कुछ अकेले ही करना पड़ा था। इसकी वजह से मैं डिप्रेस हो गई थी। मैं खो सी गई थी और ज़हन में आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे। मैं इससे बाहर निकली। मैंने संघर्ष किया और डॉक्टरों की मदद से बाहर आई।''

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आशा पारेख कहती हैं कि कई बार एक्टर्स की झोली फैंस के प्यार से भरी रहती है, फिर भी वो अकेलापन महसूस करते हैं। आशा अपनी मां के काफी क़रीब थीं और अपने करियर का पूरा श्रेय उन्हें देती हैं। आशा ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत 1952 की फ़िल्म आसमान से बतौर बाल कलाकार की थी।

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बिमल रॉय की फ़िल्म बाप बेटी में उन्होंने काम किया था। आशा के करियर में बिग ब्रेक तब आया, जब उन्हें प्रोड्यूसर सुबोध मुखर्जी ने दिल देके देखो में शम्मी कपूर की हीरोइन के लिए साइन किया। आशा उस दौर को याद करते हुए कहती हैं- "60 का दशक मुश्किल भरा नहीं था, क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे संभाला हुआ था। मुझे ये कभी महसूस ही नहीं हुआ कि मैं एक के बाद एक हिट फ़िल्म दे रही हूं। मैं काफी ख़ुश थी कि मेरी सभी फ़िल्में अच्छी चल रही हैं।''

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आशा पारेख ने जब प्यार किसी से होता है, फिर वो ही दिल लाया हूं, तीसरी मंज़िल, बहारों के सपने, प्यार का मौसम, कटी पतंग और कारवां जैसी सुपरहिट फ़िल्मों में लीड रोल्स निभाए हैं। आशा की ऑटोबायोग्राफी द हिट गर्ल रिलीज़ होने वाली है।


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