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Anuradha Paudwal Birthday: अनुराधा पौडवाल ने हिंदी सिनेमा में ऐसे बनाई अपनी जगह, इस वजह से छोड़ा फिल्मों में गाना

हिंदी सिनेमा और संगीत की मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल ने एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं। वह अब भजन और भक्ति गानें गाती हैं लेकिन एक समय ऐसा था जब अनुराधा पौडवाल ने अपनी आवाज का जादू हिंदी फिल्मों में भी दिखाया था।

By Anand KashyapEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 04:13 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:03 AM (IST)
Anuradha Paudwal Birthday: अनुराधा पौडवाल ने हिंदी सिनेमा में ऐसे बनाई अपनी जगह, इस वजह से छोड़ा फिल्मों में गाना
हिंदी सिनेमा और संगीत की मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल- तस्वीर : Instagram: sonytvofficial

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा और संगीत की मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल ने एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं। वह अब भजन और भक्ति गानें गाती हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब अनुराधा पौडवाल ने अपनी आवाज का जादू हिंदी फिल्मों में भी दिखाया था। उन्होंने कई सदाबहार हिंदी गाने जाए हैं, जिन्हें संगीत प्रेमी आज भी खूब पसंद करते हैं। अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्तूबर 1954 को मुंबई में हुआ था।

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अनुराधा पौडवाल का बचपन मुंबई में बीता जिसकी वजह से उनका रुझान शुरुआत से फिल्मों की तरफ रहा था। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत साल 1973 की फिल्म 'अभिमान' से की थी। इस फिल्म में उन्होंने एक श्लोक गीत गया था। इस श्लोक को आरडी बर्मन ने कंपोज किया था। इसके बाद अनुराधा पौडवाल साल 1976 में फिल्म 'कालीचरण' में भी काम किया। लेकिन एकल गाने की शुरूआत उन्होंने फिल्म 'आप बीती' से की थी। इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया जिनके साथ अनुराधा ने और भी कई गाने गए।

शून्य से शुरू हो अनुराधा पौडवाल ने सफलता का जो शिखर हासिल किया है वह बेहतरीन है। वह साल 1987 में टी-सीरीज और सुपर कैसेट म्यूजिक कंपनी से जुड़ीं। इसके बाद उन्होंने संगीत में सफलताओं के नये आयाम हासिल किए। अनुराधा पौडवाल ने फिल्‍म 'सड़क', 'आशिकी', 'लाल दुपट्टा मलमल का', 'बहार आने तक', 'आई मिलन की रात', 'दिल है कि मानता नहीं', जैसी फिल्मों के लिए कई हिट गाने गाए और वह रातों-रात लोकप्रियता हो गईं।

हिंदी सिनेमा में महिला गायकों के नाम पर सिर्फ लता जी और उनकी बहन आशा भोंसले आते थे लेकिन पार्श्वगायिकी अनुराधा पौडवाल ने भी अपनी खास जगह बनाई। हालांकि अब वह भजन और भक्ति गानें हैं। बीते महीने द कपिल शर्मा शो में अनुराधा पौडवाल ने यह भी बताया कि उन्होंने फिल्मों में गाने गाना क्यों छोड़ दिया। उन्होंने कहा, 'फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा डायरेक्टर्स, प्रड्यूसर्स या किसी फिल्म के हिट होने पर या हीरो-हिरोइन, उनके मूड पर गाने मिलते हैं। तो थोड़ा सा मुझे वह इनसिक्योर लग रहा था। और भक्ति-भजन मुझे हमेशा से अच्छा लगता था। इसलिए मैंने बॉलीवुड छोड़कर भजन, भक्ति गीत गाने शुरू कर दिए।'

अनुराधा पौडवाल ने आगे कहा, 'भक्ति-भजन में हमारे पास बहुत सारा मटीरियल है। जो आप डेडिकेशन के साथ नहीं करो तो इतना समय नहीं दे पाते। मेरे हिसाब से पॉप्युलैरिटी का पीक जिस वक्त था, 'आशिकी', 'दिल है कि मानता नहीं', यह सब फिल्में हिट हुईं। उसके बाद मैं भक्ति संगीत की ओर मुड़ गई।' बीते साल अनुराधा पौडवाल को मुश्किल दौर से भी गुजरना पड़ा जब उनके बेटे का निधन हो गया था।

अनुराधा पौडवाल के बेटे आदित्य पौडवाल 35 साल के थे। वह पिछले साल किडनी की परेशानी से जूझ रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। आदित्य पौडवाल अपनी मां अनुराधा की राह पर चल रहे थे। वह भजन और भक्ति गीत गाते थे। वहीं आदित्य म्यूजिक भी कंपोज करते थे। आदित्य एक बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर भी थे। 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में आदित्य का नाम देश में सबसे कम उम्र के म्यूजिक डायरेक्टर की कैटगरी में शामिल है। आदित्य पौडवाल के निधन से अनुराधा पौडवाल और उनका पूरा परिवार बुरी तरह से टूट गया।  


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