द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को लेकर क्या अनुपम खेर ने कभी की थी मनमोहन सिंह से मुलाकात, यहां पढ़ें
अनुपम का कहना है कि मनमोहन सिंह का किरदार निभाते हुए उन्हें सबसे बड़ी चुनौती यह लगी कि अनुपम मानते हैं कि उनका पर्सोना कमाल का है.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। अनुपम खेर ने अपनी आगामी विवादित फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के बारे में कहा है कि इस फिल्म को लेकर उन्होंने कभी पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाक़ात के बारे में नहीं सोचा. वह कहते हैं कि जिन्होंने यह किताब लिखी है संजय बारू, वह आज तक उनसे नहीं मिले हैं, इस किताब के सिलसिले में तो वह अनुपम से क्या मिलेंगे.
लेकिन अनुपम कहना है कि फिल्म की रिलीज के बाद अगर वह इस फिल्म को देखते हैं, तो यह फिल्म उनके दिल को जरूर छू जाएगी. उनका कहना है कि जिस तह से उन्होंने मनमोहन सिंह को परदे पर पोट्रे किया है. प्रधानमंत्री और वित्तीय मंत्री के तौर पर वह हमारे इतिहास का हिस्सा रहे हैं. लोग उनको पसंद करते थे. इस फिल्म के बाद लोगों के दिल में वह घर कर जायेंगे. ऐसी उनकी प्यारी पर्सनॉलिटी रही है. अनुपम ने बताया कि वह आजतक उनसे नहीं मिले हैं. लेकिन उन्होंने एक दो बार उन्हें सामने से देखा है, जब 2004 में अनुपम को पद्मश्री मिला था.
बता दें कि अनुपम का कहना है कि इस फिल्म में खुद को किरदार में ढालने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. अनुपम ने अपनी बातचीत के दौरान कहा है कि इस फिल्म को पहले मैंने करने से मना किया था. वह कहते हैं कि किताब को लेकर पहले से ही विवाद हो रहे थे. फिर ऐसे में अनुपम बेवजह के विवाद में फंसना नहीं चाहते थे. ऐसे में अनुपम को लगता है कि वह जब भी कुछ कहते हैं तो विवाद हो ही जाता है. लेकिन एक दिन न्यूज देखते हुए जब अनुपम ने मनमोहन सिंह को देखा तो उन्होंने उनके चलने के ढंग पर गौर किया और फिर चलने की कोशिश करने लगे. तमाम कोशिशों के बाद भी जब वह यह नहीं कर पाए तो उन्हें लगा कि एक्टर के तौर पर यह किरदार उन्हें चैलेंज करेगा, इसलिए अनुपम ने तय किया कि वह यह फिल्म करेंगे.
अनुपम का कहना है कि मनमोहन सिंह का किरदार निभाते हुए उन्हें सबसे बड़ी चुनौती यह लगी कि अनुपम मानते हैं कि उनका पर्सोना कमाल का है. वह खुद को एक्सप्रेस नहीं करते. उनको दुःख है तो उनके चेहरे का भाव भी वही रहता है. खुशी में भी वही रहता है और हैरानी में भी.
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