डिप्रेशन से गुज़र चुके हैं अनुपम खेर, 'हम आपके हैं कौन' के दौरान हुआ था फेशियल पैरालिसिस
Anupam Kher Shocking Revelation अनुपम डिप्रेशन के दौर से भी गुज़र चुके हैं। उन्होंने बताया- मुझे मैनिक डिप्रेशन का पता चला था। मैं डॉक्टर के पास गया और दवाइयां लेना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर अनुपम खेर ने इंडस्ट्री में हाल ही में 36 साल पूरे किये। उन्होंने महेश भट्ट की फ़िल्म सारांश से डेब्यू किया था, जिसमें 28 साल के अनुपम ने रिटायर्ड बुजुर्ग का रोल निभाया था। सारांश हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फ़िल्मों में शामिल है और अनुपम खेर की सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंसेज़ में मानी जाती है।
अनुपम ने कला फ़िल्मों के साथ मसाला फ़िल्मों में भी अपनी अदाकारी का दम दिखाया। नेगेटिव किरदारों से लेकर कॉमेडी तक, अनुपम हर किरदार में अनुपम रहे। बहुत कम लोग जाने होंगे कि अनुपम डिप्रेशन के ऐसे दौर से गुज़रे हैं, जहां पागलपन होने की आशंका हो जाती है।
ज़ूम टेलीविज़न को दिये इंटरव्यू में अनुपम ने बताया- मुझे मैनिक डिप्रेशन का पता चला था। मैं डॉक्टर के पास गया और दवाइयां लेना शुरू कर दिया। फिर आगे बढ़ गया। हमें अपने तरीके से डील करना होता है। परिवार और दोस्तों को समझना चाहए कि अगर कोई अकेलेपन की ओर बढ़ रहा है तो हम उसे बाहर निकालने की कोशिश करें।
यही नहीं हम आपको हैं कौन की शूटिंग के दौरान अनुपम को फेशियल पैरालिसिस भी हो गया था। अनुपम ने बताया कि हम आपके हैं की शूटिंग के दौरान उन्हें फेशियल पैरालिसिस हो गया था- जब मैं हम आपके हैं कौन की शूटिंग कर रहा था, मुझे फेशियल पैरालिसिस हो गया था। मैं सूरज बड़जात्या के पास गया, उन्हें बताया कि मेरा चेहरा टेढ़ा हो गया है, लेकिन मैं शूटिंग के लिए तैयार हूं। अनुपम कहते हैं कि जब आप इस तरह की परिस्थितियों का सामना करते हैं तो ख़ुद मैं यक़ीन बढ़ जाता है।
इससे पहले इंडिया टीवी के एक इंटरव्यू में अनुपम ने बताया था कि इसी वजह से अंत्याक्षरी वाले सीन में उनका कोई क्लोज़ अप नहीं है। उनके चेहरे की वजह से ही उन्हें धर्मेंद्र का टंकी वाला एक्ट करने के लिए दिया गया था, जिसमें उन्हें नशे में होने की एक्टिंग करनी थी।
कोरोना वायरस पैनडेमिक पर अनुपम खेर ने कहा कि उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि यह इतना लम्बा चलेगा। इसने मुझे एहसास करवाया है कि मैं उतना बेचैन नहीं हूं, जितना इन हालात से पहले ख़ुद के बारे में सोचा करता था। मैं काफ़ी शांत हो गया हूं। जीवन में बहुत कुछ है। लोग अपने परिवारों के क़रीब आये हैं।