Bachchan Birthday: जब एक अॉटोग्राफ के लिए बच्चन ने किया था घंटों इंतजार
अमिताभ बच्चन का जन्मदिन 11 नवंबर को है और वे गुरुवार को अपना 76वां जन्मदिन मनाएंगे।
मुंबई। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जितना बड़ा नाम है उतनी ही बड़ी उनके फिल्मी सफर के अनुभवों की कहानियां हैं। कुछ कहानियों के बारे में वे आए दिन सोशल मीडिया पर या कार्यक्रमों में बताते रहते हैं तो कुछ अनसुनी बातों को उनके करीबी साझा करते हैं। बिग बी की अभिनय यात्रा, किस्सों -कहानियों, कई सारी गॉसिप्स और बहुत सारी अनसुनी बातों से भरी पड़ी है। बच्चन जब भी पुरानी यादों में खो जाते हैं , कुछ ऐसे किस्से सुनाते है जो ना सिर्फ दिलचस्प होते हैं बल्कि उन किस्सों से ये भी पता चलता है कि 'शहंशाह' बनने के लिए इस 'जादूगर' को कितने 'अग्निपथ ' पार करने पड़े हैं। बेमिसाल बच्चन के इस फिल्मी सफ़र में कई बार बच्चन ने 'अमिताभ' बन कर कुछ कहानियां सुनाई है -
दिलीप कुमार का आटोग्राफ लेने आधे घंटे खड़े थे बच्चन -
ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार का एक आटोग्राफ लेने के लिए अमिताभ जब एक रेस्तरां के बाहर आधे घंटे खड़े थे तो कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपने इस हीरो के साथ कैमरे के सामने भी खड़े होंगे। लेकिन शक्ति सामंता की 'शक्ति' के मुहूर्त में जब बच्चन दिलीप कुमार के सामने हेलीकाप्टर से उतरे तो सातवें आसमान पर थे...दिलीप कुमार के सामने उनके पैर काँप रहे थे लेकिन "शक्ति" अटल हो गई। 1982 में आई फिल्म शक्ति में इन दोनों दिग्गजों को साथ बिग स्क्रीन पर देखा गया था। इस फिल्म का निर्देशन मशहूर निर्देशक रमेश सिप्पी ने किया था।
मेरा सिर्फ 30 प्रतिशत लीवर ठीक है -
यह बात मायूस जरूर करती है लेकिन अमिताभ की अपने कार्य के प्रति निष्ठा और सम्मान को देखकर यह सब कुछ भी नहीं है। वे बॉलीवुड के इंजिन की तरह काम कर रहे हैं जो कि बहुत तेज गति से भाग रहा है। अपने लीवर को लेकर अमिताभ ने खुलासा तब किया था जब वो महाराष्ट्र सरकार के हेपिटाइटिस बी से जुड़े एक कार्यक्रम में गए थे। बच्चन ने कहा था कि उनका लीवर 70 प्रतिशत ख़राब हो चुका है और वो सिर्फ 30 प्रतिशत लीवर फंग्शन के सहारे चल रहे हैं। उन्होंने बताया था कि फिल्म 'कुली' के समय चोट लगने के बाद उन्हें 200 बोतल खून चढ़ाया गया था जिसमें से एक डोनर को हेपेटाइटिस था जिसका संक्रमण उन्हें हो गया।
सात हिन्दुस्तानी में जमीन पर सोता था -
अमिताभ बच्चन को ख्वाजा अहमद अब्बास की अपनी पहली फिल्म 'सात हिन्दुस्तानी' सिर्फ इसलिए याद नहीं है क्योंकि इसके लिए उन्हें अवार्ड मिला था, बल्कि इसलिए क्योंकि तब बच्चन को कई दिनों तक पूरी यूनिट के साथ सरकारी गेस्ट हाऊस की ज़मीन पर सोना पड़ता था। यही नहीं वो बड़ी-बड़ी लाइटें और शूटिंग का सामान खुद उठा कर एक से दूसरे जगह तक जाते थे। शूटिंग के दौरान एक हफ्ते तक वो बिना नहाये, नकली दाढ़ी लगा कर घूमे क्यूंकि मेकअप मैन को देने के लिए पैसे नहीं थे और अब्बास साहब के पास सिर्फ 60 फ़ीट की रील बची थी शूटिंग के लिए।
पेट्रोल पम्प पर अपने हाथ से तेल डालते थे -
सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'आनंद' में काम करना बिग बी के लिए एक गिफ्ट था और उन्हें ये बात तब समझ में आई जब बच्चन के दीवाने उन्हें पागलो की तरह सड़क पर घेर लेते थे। बच्चन जिस पेट्रोल पम्प पर अपने हाथ से कार में तेल डालते थे, 'आनंद' की रिलीज के बाद वहां चाहने वालों का हुजूम इकठ्ठा हो जाया करता था।