Box Office: 'राज़ी' 100 करोड़ पार, ये कारनामा करने वाली आलिया भट्ट दूसरी एक्ट्रेस, जानिए पहली कौन है?
टॉप 10 महिला प्रधान फ़िल्मों की सूची बनाएं तो पहले स्थान पर कंगना रनौत की 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' है, जिसने 152 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया था।
मुंबई। आलिया भट्ट की 'राज़ी' इन दिनों बॉक्स ऑफ़िस पर गदर मचा रही है। रविवार को राज़ी ने 100 करोड़ का जादुई पड़ाव पार कर लिया। ये कारनामा करने वाली आलिया भट्ट वुमन ओरिएंटेड फ़िल्मों के इतिहास में दूसरी एक्ट्रेस बन गयी हैं।
11 मई को रिलीज़ हुई 'राज़ी' 25 मई को तीसरे हफ़्ते में प्रवेश कर गयी। नई फ़िल्मों की रिलीज़ के बावजूद राज़ी बॉक्स ऑफ़िस पर पकड़ बनाये हुए है, परमाणु- द स्टोरी ऑफ़ पोखरण जैसी बड़ी फ़िल्म से भी राज़ी बेअसर ही दिखती है। फ़िल्म ने तीसरे शुक्रवार को 2.25 करोड़, शनिवार को 4.20 करोड़ और रविवार यानि 27 मई को 4.42 करोड़ के कलेक्शन के साथ 102.50 करोड़ जमा कर लिये। यानि रिलीज़ के 17 दिनों में राज़ी ने 100 करोड़ के अहम पड़ाव को पार कर लिया है। इसी के साथ आलिया भट्ट बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसेज़ में शामिल हो गयी हैं, जिन्होंने अपने दम पर 100 करोड़ क्लब में फ़िल्म को एंट्री दिलवाई है। जानकारों का मानना है कि 'राज़ी' से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो थी, मगर फ़िल्म इतना आगे चली जाएगी, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
बॉलीवुड में ऐसे मौक़े कम ही आते हैं, जब बॉक्स ऑफ़िस भी क्रिटिक्स की राय का पीछा करते हुए दिखे। 'राज़ी' वैसा ही दुर्लभ मौक़ा है। 'राज़ी' को क्रिटिक्स का भी भरपूर समर्थन मिला है और अब दर्शकों का प्यार मिल रहा है। मेघना गुलज़ार निर्देशित इस फ़िल्म की ख़ासियत ये है कि इसका केंद्रीय किरदार नायिका है। आलिया ने फ़िल्म में स्पाई का रोल निभाया है, जो सत्तर के दशक की शुरुआत में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान जासूसी के लिए पाकिस्तानी अफ़सर से शादी करके सरहद पार चली जाती है।
'राज़ी' में वैसे तो विक्की कौशल ने आलिया के शौहर के रोल में हैं, मगर फ़िल्म पूरी तरह से आलिया के कंधों पर टिकी है। इसलिए 'राज़ी' की कामयाबी आलिया और निर्देशक मेघना गुलज़ार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही महिला प्रधान फ़िल्मों के लिए भरोसे में इजाफ़ा होगा।
बॉक्स ऑफ़िस पर वुमन ओरिएंटेड फ़िल्में
अगर, 2011 से लेकर अभी तक टॉप 10 महिला प्रधान फ़िल्मों की सूची बनाएं तो 'राज़ी' दूसरे नंबर पर आ गयी है। पहले स्थान पर कंगना रनौत की 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' है, जिसने 152 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया था। 2015 में 22 मई को रिलीज़ हुई फ़िल्म में कंगना ने डबल रोल निभाया था। फ़िल्म में कंगना के साथ आर माधवन लीड रोल में थे।
तीसरे स्थान पर 'द डर्टी पिक्चर' है, जिसने 85 करोड़ का कलेक्शन किया था। 2 दिसंबर 2011 को रिलीज़ हुई फ़िल्म में विद्या बालन ने दक्षिण भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री की सिडक्ट्रेस सिल्क स्मिता से प्रेरित किरदार निभाया था। राज़ी के जंप के बाद अब Top 10 Woman Oriented Films की सूची इस प्रकार बनती है-
10. इंग्लिश विंग्लिश (5 अक्टूबर 2012)- 40 करोड़- श्रीदेवी
9. हिचकी (23 मार्च 2018)- 46.17 करोड़- रानी मुखर्जी
8. कहानी (9 मार्च 2012)- 59.26 करोड़- विद्या बालन
7. क्वीन (7 मार्च 2014)- 61 करोड़- कंगना रनौत
6. सीक्रेट सुपरस्टार (19 अक्टूबर 2017)- 62 करोड़- ज़ायरा वसीम
5. मैरी कॉम (5 सितंबर 2014)- 64 करोड़- प्रियंका चोपड़ा
4. नीरजा (19 फरवरी 2016)- 75.61 करोड़- सोनम कपूर
3. द डर्टी पिक्चर (2 दिसंबर 2011)- 85 करोड़- विद्या बालन
2. राज़ी (11 मई 2018)- 102.50 करोड़- आलिया भट्ट
1. तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (22 मई 2015)- 152 करोड़- कंगना रनौत
वुमन ओरिएंटेड फ़िल्मों का सफ़र
हिंदी सिनेमा के आरम्भ से ही फ़िल्म निर्माण के तक़रीबन हर विभाग में महिलाओं की हिस्सेदारी बराबर की रही है। अदाकारी से लेकर, संगीत और पोस्ट प्रोडक्शन तक, महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है और अपनी काबिलियत साबित की है। इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि हर तरह से सक्षम होते हुए भी सिनेमा की कहानियों में उन्हें वो दर्ज़ा बहुत कम नसीब हुआ है, जो पुरुष कलाकारों को मिलता रहा है। कुछ फ़िल्मों को छोड़ दें तो भारतीय सिनेमा का नायक पुरुष ही रहा है, महिलाओं को ये मौक़ा कम मिला है।
बहुत कम फ़िल्में ऐसी बनी हैं, जिनमें महिलाओं के किरदारों को गढ़ने और रचने में मेहनत की गयी हो। भारतीय सिनेमा की शुरुआत के बाद 40, 50 और 60 के दशक में ऐसी कई फ़िल्में आयीं, जिनकी कहानी महिला किरदार को ध्यान में रखकर कही गयी। नर्गिस, नूतन, शर्मिला टैगोर जैसी एक्ट्रेसेज़ ने इन दशकों में महिला प्रधान फ़िल्मों की अगुवाई की। 70 से 90 के बीच महिलाओं के किरदार फ़िल्मों में कमज़ोर होने लगे थे। अस्सी और नब्बे के दशकों में एक दौर ऐसा भी आया, जब महिला कलाकारों को फ़िल्मों में सिर्फ़ पुरुष दर्शकों को ललचाने के लिए रखा जाता था।
ख़ासकर, अस्सी और नब्बे के दशकों में बहुत कम फ़िल्में ऐसी आयीं, जिनमें किरदारों के ज़रिए वुमनहुड को सेलिब्रेट किया गया हो। हालांकि इस दौर में समानांतर सिनेमा ने महिलाओं को दमदार रोल देने के साथ उनको केंद्र में रखकर फ़िल्में बनाना जारी रखा। इस दौर में शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल, रेखा, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित और बाद में रवीना टंडन, तब्बू जैसी कुछ एक्ट्रेसेज़ ने महिला प्रधान फ़िल्मों में काम करने का सिलसिला जारी रखा।
नई सदी में हालात सुधरने शुरू हुए और पिछले दशक में कई ऐसी फ़िल्में आयी हैं, जिनकी कहानी का मुख्य पात्र कोई एक्ट्रेस हो... और अब बात 'वीरे दी वेडिंग' जैसी ऑल वुमन फ़िल्मों तक पहुंच चुकी है, जो 1 जून को रिलीज़ हो रही है। फ़िल्म में करीना कपूर, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया ने मुख्य भूमिकाएं निभायी हैं। शशांक घोष निर्देशित इस फ़िल्म की कहानी चार फीमेल किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है।