Gold Teaser: भारतीय हॉकी की गोल्डन कहानी, अक्षय कुमार की जुबानी
इस साल स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होने वाली फिल्म गोल्ड भारतीय हॉकी के गर्व की कहानी है।
मुंबई। सरताज से बेहाल तक का सफ़र कर चुका भारतीय हॉकी का इतिहास एक बार फिर दुनिया के सामने आने जा रहा है। इस बार एक ऐसी कहानी के साथ जो भारतीय हॉकी के इतिहास के लिए गौरव का अध्याय है। अक्षय कुमार ये कहानी ले कर आ रहे हैं फिल्म गोल्ड के जरिये।
रीमा कागती निर्देशित गोल्ड का टीज़र सोमवार को रिलीज़ कर दिया गया। हल्के बांग्ला टोन में अक्षय कुमार देश को हॉकी में गोल्ड दिलाने के लिए जितने तरह के प्रयास कर सकते हैं, वो सब इस टीज़र में नज़र आता है। इस साल स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होने वाली फिल्म गोल्ड भारतीय हॉकी के गर्व की कहानी है। फ़रहान अख़्तर और अक्षय कुमार के प्रोडक्शन बैनर पर बन रही इस फिल्म की शूटिंग का बड़ा हिस्सा लंदन में शूट हुआ है और कुछ हिस्सों की शूटिंग पटियाला में भी। फिल्म गोल्ड से छोटे परदे की स्टार और नागिन फेम मौनी रॉय की बॉलीवुड यात्रा शुरू हो रही है। टीजर में उनकी नहीं के बराबर झलक है-
फिल्म में अमित साध, सनी कौशल और कुणाल कपूर भी हैं। फिल्म गोल्ड, 1948 में लंदन में हुए 14वें ओलम्पिक की कहानी है, जब भारत ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में शिरकत थी और देश को पहला गोल्ड मेडल मिला था। गोल्ड में अक्षय कुमार हॉकी स्टार बलबीर सिंह के रोल में हैं। बलबीर सिंह को गोल करने में उस्ताद माना जाता था। बलबीर सिंह अब 92 साल के हो चुके हैं और अपने पूरे परिवार के साथ कनाडा में रहते हैं। बंटवारे के पहले के पाकिस्तान में जन्में बलबीर सिंह के नाम हॉकी में व्यक्तिगत तौर पर ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल करने का रिकार्ड है।
साल 1952 ओलम्पिक खेलों में बलबीर सिंह ने उस मैच में पांच गोल किये थे जिसमे भारत ने नीदरलैंड को 6 -1 से हराया था। लंदन ओलम्पिक में जब भारत ने अर्जेंटीना को हराया था उसमें बलबीर सिंह ने हैट्रिक सहित छह गोल किये थे और फाइनल में ब्रिटेन के ख़िलाफ़ जीत में उनके दो शुरुआती गोल थे। साल 1977 में बलबीर सिंह ने ' द गोल्डन यार्डस्टिक ' नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी थी।