पद्मश्री विवाद और पाकिस्तानी कनेक्शन को लेकर बोले अदनान सामी, 'मुझे फर्क नहीं पड़ता'
Adnan Sami On Padma Shri Controversy पद्मश्री विवाद पर अदनान ने अपने पक्ष में बात रखते हुए कहा कि दूसरी सरकारों ने भी मुझे अवॉर्ड दिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। गायक अदनान सामी को पद्मश्री के दिये जाने की घोषणा होने के बाद से ही लगातार आलोचना झेलनी पड़ रही है। लोग अदनान की दावेदारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस पर अदनान सामी के जवाब समाने आया है। उन्होंने कहा है कि जो पद्मश्री को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, वो ऐसा सिर्फ अपनी हताशा को हवा देने के लिए कर रहे हैं। अदनान ने अपने पक्ष में बात रखते हुए कहा कि दूसरी सरकारों ने भी मुझे अवॉर्ड दिए।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अदनान ने कहा, 'जब कांग्रेस पॉवर में थी, तब उन्होंने मुझे अवॉर्ड दिया। तब मैं एक पाकिस्तानी नागरिक था। अब, इस सरकार ने मुझे एक अवॉर्ड दिया है। मैं सबको प्यार करता हूं। इसमें कोई राजनीति नहीं है। उनका (विरोधियों) एजेंडा कुछ और है। वे सिर्फ अपनी हताशा को हवा देने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्हें ऐसा ही करना चाहिए। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।'
अदनान ने आगे कहा, 'मैं खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे एक बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे और मेरे संगीत को पसंद किया। मैं भारत सरकार को भी शुक्रिया कहना चाहूंगा। यह पुरस्कार मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है।" आपको बता दें कि अदनान के अलावा एक्ट्रेस कगंना रनोट, करण जौहर और फ़िल्ममेकर एकता कपूर को भी पद्मश्री देने के लिए चयनित किया गया है।
अदनान सामी पहले पाकिस्तान के नागरिक थे। साल 2016 में उन्हें भारत की नागरिकता मिली। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने उनके पिता के पाकिस्तान सेना में होने का हवाला देकर अवॉर्ड पर सवाल उठाए हैं। इस पर अदनान का कहना है, 'मेरे पिता 1965 के युद्ध में पाकिस्तान फाइटर पाइलेट थे। उन्होंने अपने देश के लिए अपना कर्तव्य निभाया। उन्होंने अपनी देशभक्ति के लिए सम्मानित किया गया। यह मुझसे संबंधित नहीं है। मेरे जीवन में जो कुछ भी हो रहा है, उससे उनका कोई भी लेना-देना नहीं है।'
अदनान ने आगे कहा, 'यह कभी भी और कहीं भी नहीं होता है कि किसी पर भी आरोप लगाया जाए कि उसके पिता ने क्या किया है। यह काफी बड़ा अवॉर्ड है। इसे राजनीति में इस तरीके से नहीं घसीटा जाना चाहिए। मुझे मेरे काम के आधार पर यह सम्मान दिया गया।'