Maharani Season 2: सशक्त राजनेत्री रानी भारती के किरदार में हर दिन मिली नई सीख- अभिनेत्री हुमा कुरैशी
इस शो में रानी पति के खिलाफ खड़ी होती है... अगर आप अपना कर्तव्य पूरा करते हैं तो अपनों की भलाई ही कर रहे हैं। अगर आप गलत व्यवहार को अपना लेंगे तो जिससे आप प्यार करते हैं उसका बड़ा नुकसान कर देंगे।
प्रियंका सिंह। सोनी लिव पर 25 अगस्त से शुरू होने वाली वेब सीरीज महारानी के सीजन 2 में पहले से अधिक सशक्त राजनेत्री रानी भारती के किरदार में नजर आएंगी हुमा कुरैशी। इस साल हुमा ने इंडस्ट्री में 10 साल पूरे किए हैं। वेब सीरीज महारानी, करियर के पहलुओं पर उनसे प्रियंका सिंह की बातचीत के अंश...
महारानी शो ने करियर में काफी कुछ बदल दिया है?
हां, इस शो के बाद से जिस तरह से लोगों ने मुझे बतौर एक्ट्रेस देखना शुरू किया, वह बहुत अलग है। मैंने अपने आपको इस किरदार के लिए समर्पित कर दिया था। किसी ग्लैमर का सहारा नहीं लिया। उद्देश्य यही था कि बतौर कलाकार मुझे अपनाया जाए। अब मैं डबल एक्सएल, तरला दलाल की बायोपिक, मोनिका ओ माय डार्लिंग, पूजा मेरी जान जैसी फिल्में कर रही हूं। सभी पावरफुल और एक-दूसरे से अलग फिल्में हैं।
आप नई दिल्ली से पढ़ी-लिखी हैं। रानी भारती के अनपढ़ किरदार के लिए क्या चीजें भूलनी पड़ीं?
बिल्कुल सही कहा, इसमें कई चीजें भूलनी पड़ीं। कई बार मुंह से ओके निकल जाता था। फिर खुद को समझाना पड़ता था कि नहीं रानी ओके नहीं कहती है। उसके शब्दकोष में ओके नहीं है। हमने रानी का शब्दकोष बनाया कि क्या शब्द उसे पता होंगे, क्या नहीं। कौन से शब्द वह तोड़कर बोलती होगी, क्या नया उसने सीखा होगा, जो वह बोलेगी। मैं खुश हूं कि एक ऐसा किरदार कर रही हूं जो दूसरों को बचाने का काम कर रही है। जब बाकी लड़कियां उसे देखेंगी तो वे भी सोचेंगी कि हम भी अपनी लाइफ के हीरो बन सकते हैं।
अपनी लाइफ का हीरो बनने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी है?
यह एक प्रक्रिया है। कोई भी नहीं कह सकता है कि उसने वह सब कुछ पा लिया है, जो वह पाना चाहता था। यह एक सफर है, जिसका मजा उठाते हुए आप लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।
फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल के सफर पर क्या कहेंगी?
मजेदार सफर रहा है। जब आई थी, तब कुछ नहीं पता था। पहली फिल्म, पहला पोस्टर शूट, पहले इंटरव्यू से लेकर आजतक कई बातें मैंने खुद सीखी हैं आडिशन देकर, रिजेक्शन देखकर। बहुत सी फिल्मों से निकाली गई, पर इस पूरी प्रक्रिया में मैंने खुद को कड़वाहट से दूर रखा।
राजनीति में स्त्रियों की उपस्थिति को कैसे देखती हैं?
मुझे लगता है कि महिलाओं की संख्या बढ़नी चाहिए, न सिर्फ राजनीति में बल्कि हर क्षेत्र में। जितनी ज्यादा महिलाएं काम करेंगी, उतना ही हम बराबरी का समाज बना पाएंगे।