प्रवासी मजदूरों के दर्द से इमोशनल हुए एक्टर अनुपम खेर, सुनाई इस वक्त के ऊपर मार्मिक कविता
अनुपम खेर ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर आकउंट से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में प्रवासी मजदूरों को दर्द को दिखाती हुईं कई तस्वीरें हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 31 मई तक लॉकडाउन जारी है। ऐसे में अधिकतर लोग घरों के अंदर हैं। हालांकि, कोरोना वायरस और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूरों पर पड़ा है। प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान भी उनका घरों की ओर लगातार पलायान कर रहे हैं। कई मजदूर यातायात सुविधाएं उपलब्ध ना होने की वजह से पैदल ही अपने घर को निकल पड़े हैं। ऐसे में इन तस्वीरों पर बॉलीवु़ड सेलेब्स अपनी प्रतिक्रिया पर दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले एक्टर अनुपम खेर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल, अनुपम खेर ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर आकउंट से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में प्रवासी मजदूरों के दर्द को दिखाती हुईं कई तस्वीरें हैं। इसके अलावा इस वीडियो में अनुपम खेर एक मार्मिक कविता भी सुना रहे हैं। हालांकि, यह कविता अनुपम खेर की नहीं है। इसे साहब ज़फर साहब ने लिखी है, लेकिन अनुपम ने इसे अपनी दमदार आवाज़ में प्रस्तुत किया है। उनकी कविता कुछ इस तरह है-
हो गया मजबूर इंसान दाने-दाने के लिए, चार कंधे भी नहीं अर्थी उठाने के लिए,
छोड़कर आए थे पिछड़ा बोलकर जो गांवों को, किस कदर मजबूर हैं वो गांव जाने के लिए।
वो हमें पानी पिलाने तक को अब राजी नहीं हैं. खून बहाया है हमने जिनके कारखाने के लिए,
गरदिश-ए-दौरान से मेरी थक गई है जिंदगी. मौत बस तू ही बची है आजमाने के लिए।
हो गया मजदूर अपने देश में ही दर-ब-दर. मौत ओढ़े फिर रहा है, जान बचाने के लिए,
नींद है, न चैन है न जिंदगी की आस है, अब कहां मजदूर जाएं घर बसाने के लिए।
हों मुबारक आपको शदाब खुशियों के महल, हम अभी जिंदा है अपना गम उठाने के लिए।
Indian Economy has been built on the shoulders of the very people that we have abandoned. Without them, the economic rise of India is an illusion. https://t.co/KETVbnc0n0" rel="nofollow— Shekhar Kapur (@shekharkapur) May 20, 2020
आपको बता दें कि इससे पहले भी अनुपम खेल लगातार सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत के अभियान का भी समर्थन किया था।