West Bengal Assembly Election 2021: बिहार की तरह बंगाल में महिला वोटर कर सकती है बड़ा 'खेला'
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना एक निर्णायक कारक बन सकती है। बंगाल में कुल 73294980 मतदाता हैं जिनमें से 37366306 पुरुष और 35927084 महिलाएं हैं। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य की महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अब तक दो चरणों की वोटिंग की हो चुकी है और दोनों चरणों में बंपर मतदान हुआ है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में महिला मतदाताओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी मौजूदा विधानसभा चुनावों के नतीजों में अहम भूमिका निभा सकती है। यहां न केवल महिला मतदाताओं की संख्या 49 फीसदी से ज्यादा है, बल्कि चुनाव आयोग के ओर से प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची में लिंग अनुपात भी पिछले वर्ष की तुलना में 956 से बढ़कर 961 हो गया है। अन्य बड़े राज्यों में बंगाल ही ऐसा राज्य है, जहां चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी काफी ज्यादा रही है।
बंगाल में महिला मतदाताओं की संख्या 49 फीसदी से ज्यादा
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना एक निर्णायक कारक बन सकती है। बंगाल में कुल 7,32,94,980 मतदाता हैं, जिनमें से 3,73,66,306 पुरुष और 3,59,27,084 महिलाएं हैं। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य की महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।भाजपा ने महिला मतदाताओं पर दिया जोर हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा था कि बिहार की तरह यहां भी महिला मतदाता भाजपा को जीत का परचम लहराने में मदद करेंगी।
भाजपा और तृणमूल लगातार महिलाओं को अपने पाले में खींचने की कर रहे कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ओर से महिलाओं को दिए गए सम्मान के कारण महिलाओं के मन में अच्छी छवि बनी है, जो कि साफ नजर भी आ रही है। यहां तक कि उस नंदीग्राम सीट में भी, जहां ममता बनर्जी खुद उम्मीदवार हैं। भाजपा के संकल्प पत्र में महिलाओं को ध्यान में रखकर कई घोषणाएं की गईं हैं। इनमें सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण, विधवाओं की पेंशन में वृद्धि, मुफ्त परिवहन और केजी से पीजी तक की मुफ्त शिक्षा शामिल है।
महिलाओं पर ममता भी मेहरबान
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार की विकासात्मक योजनाओं और भाजपा के शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई वृद्धि को उजागर करने के लिए 2019 के चुनावों के दौरान महिलाओं तक पहुंचने के लिए पार्टी के राजनीतिक मोर्चे पर बंग जननी नाम से अलग विंग बनाई थी। बंग जननी की महासचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पंजा कहती हैं, बंगाल में पिछले 10 सालों के अपने शासन में तृणमूल सरकार ने कन्याश्री जैसी कई योजनाएं लाईं, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया।