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बंगाल में रैली को इजाजत नहीं मिलने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल को बताया 'दो चेहरे वाला'

ओवैसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता अभी लागू नहीं हुई है। यदि वह हमें इससे पहले भी अनुमति देने से इन्कार कर रहे हैं तो चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसे होगा? नरेंद्र मोदी अमित शाह जेपी नड्डा रैली कर सकते हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 03:40 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 06:31 PM (IST)
रैली करने की अनुमति नहीं देने पर असदुद्दीन ओवैसी बिफर पड़े

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कोलकाता में गुरुवार होने वाली रैली को पुलिस से अनुमति नहीं मिलने की वजह से रद कर दिया गया है। रैली को इजाजत नहीं मिलने के बाद ओवैसी का गुस्सा फूट पड़ा है। ओवैसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता अभी लागू नहीं हुई है। यदि वह हमें इससे पहले भी अनुमति देने से इन्कार कर रहे हैं, तो चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसे होगा? नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा रैली कर सकते हैं। कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी रैली कर सकती है। हम क्यों नहीं कर सकते? यह तृणमूल कांग्रेस के दोहरे चेहरे को बेनकाब करता है।

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राज्य की सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस के सांसदों पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान, संसद में असंतोष के बारे में बोलते हैं, लेकिन उनके दो चेहरे हैं। वे दिल्ली में एक बात कहते हैं और बंगाल में ठीक इसके विपरीत करते हैं। अगर मैं वहां एक जनसभा करना चाहता हूं, तो मुझे अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।

गौरतलब है कि ओवैसी को मस्लिम बहुल मटियाबुर्ज इलाके में रैली के जरिये बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रचार अभियान का आगाज करना था। एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव जमीर उल हसन ने बताया कि पुलिस ने रैली के लिए उन्हें इजाजत नहीं दी। उन्होंने इजाजत के लिए 10 दिन पहले आवेदन दिया था, मगर रैली से ठीक एक दिन पहले पुलिस ने सूचित किया कि वह रैली करने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि हम तृणमूल कांग्रेस के ऐसे हथकंडों के आगे झुकेंगे नहीं। हम चर्चा करेंगे और कार्यक्रम की नई तारीख बताएंगे।

ज्ञात हो कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) की कोलकाता विंग ने गुरुवार को कोलकाता प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने पार्टी सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की चुनावी राज्य में पहली रैली की अनुमति से इंकार कर दिया है।  यह रैली कोलकाता के अल्पसंख्यक बहुल मटियाब्रुज क्षेत्र में होने वाली थी - जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के प्रतिनिधित्व वाले संसदीय क्षेत्र में आती है।

फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी की भारतीय सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ पार्टी मार्च के दूसरे सप्ताह में ब्रिगेड में एक सार्वजनिक बैठक की योजना बना रही है। यह उल्लेख करना है कि पश्चिम बंगाल एआइएमआइएम के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि पार्टी ने बिहार में पांच सीटों को हासिल करने के बाद पूर्वी भारत में विस्‍तार करना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों की संख्‍या करीब 30 फीसद है। पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं। हालांकि, चुनाव आयोग को अभी अंतिम तारीखों की घोषणा करना बाकी है। 


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