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यूपी चुनाव: शिवपाल और उनकी पत्नी के पास नौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति

शिवपाल ने मंगलवार को जसवंतनगर सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि शिवपाल पार्टी छोड़ देंगे। उन्‍होंने कहा भी था कि वह नई पार्टी बनाएंगे और प्रचार का हिस्‍सा नहीं बनेंगे।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 02 Feb 2017 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 02 Feb 2017 01:18 PM (IST)
यूपी चुनाव: शिवपाल और उनकी पत्नी के पास नौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति
यूपी चुनाव: शिवपाल और उनकी पत्नी के पास नौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति

इटावा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से शिवपाल यादव ने यह एलान कर दिया है कि वह 11 मार्च को अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। इसमें बाद से यह संभावना जताई जा रही थी कि शिवपाल समाजवादी पार्टी से नहीं, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। शिवपाल ने अपनी परंपरागत इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से हलफनाम भर दिया है। इस हलफनामे में शिवपाल ने अपनी कुल चल और अचल संपत्ति की घोषणा भी की है, जो लगभग 9 करोड़ 22 लाख रुपये है।

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शिवपाल ने मंगलवार को जसवंतनगर सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र के साथ दिये हलफनामे में शिवपाल के पास 1.45 करोड़ रुपये की चल संपत्ति दर्शायी गयी है। उनके पास कोई व्यावसायिक संपत्ति नहीं है। हलफनामे के मुताबिक, 61 वर्षीय शिवपाल, उनकी पत्नी सरला तथा परिवार के पास 9 करोड़ 22 लाख रुपये की कुल संपत्ति है।

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हलफनामे में शिवपाल घोषित किया है कि उनके पास एक पजेरो कार है, जो उन्होंने 2008 में खरीदी थी। इसकी कीमत इस समय 7 लाख 20 हजार रुपये है। वहीं शिवपाल की पत्नी के पास 1 करोड़ 72 लाख रुपये की चल संपत्ति है। राजधानी के बिजली पासी क्षेत्र में उनकी व्यावसायिक संपत्ति है, जिसकी कीमत 3 करारेड़ 63 लाख रुपये है। शिवपाल के 2015-16 के आयकर रिटर्न में 21.69 लाख रुपये की आय दर्शायी गयी है। उनकी पत्नी की आय 25.11 लाख रुपये और हिन्दू अविभाजित परिवार के तहत 5.55 लाख रुपये हैं।

इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि शिवपाल पार्टी छोड़ देंगे। उन्होंने कहा भी था कि वह नई पार्टी बनाएंगे और प्रचार का हिस्सा नहीं बनेंगे। लेकिन पिछले दिनों उनके तेवर कुछ नर्म नजर आए। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों के लिए प्रचार करने का फैसला 19 फरवरी के बाद लेंगे। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन समर्थकों का प्रचार नहीं करेंगे जो बीजेपी, बसपा या कांग्रेस में गए हैं।

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