बस्ती में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हत्या, लूट, अपहरण और भ्रष्टाचार यूपी के मुख्य उद्योग
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में चौथे चरण का मतदान जारी है। इसके बीच में आज प्रधानमंत्री प्रदेश में दो चुनावी सभा करेंगे। पहली सभा बहराइच में होगी,उसके बाद पीएम मोदी बस्ती आएंगे।
बस्ती (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बस्ती के राजकीय पालीटेक्निक के मैदान में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनता का उत्साह देखकर ऐसा लग रहा है कि लोग अभी से विजय उत्सव मनाने मे लग हैं।
चुनाव ऐसा उत्सव है जब हम अपनी पसंद की सरकार चुनते हैं। लोभ, लालच और भय से मुक्ती होकर हम अपना वोट देते हैं। पवित्र वोट से जो सरकार बनती है उसकी जिम्मेवदारी होती है जनता जनार्दन की जी भरकर सेवा करने की, उनका विकास करने की। पांच साल पहले आपने सपा का चुना। उसे अपना पवित्र वोट दिया, लेकिन आप बताएं उन्हों ने कोई पवित्र काम किया क्या । क्या उन्होंने किसानों का भला किया। पूरा पूर्वी प्रदेश और यह बस्ती का इलाका आजादी के सत्तर साल बाद भी बदहाली झेल रहा है।
उन्होंंने पूछा कि जिन्होंने आपका यह हाल किया है उन्हें जाना चाहिए या नहीं। सरकार को चुनाव के समय पल पल का हिसाब देना चाहिए। क्याे किया, किसके लिए किया और कब किया। मोदी ने जनता से पूछा कि यहां मुख्यमंत्री इतने दिनों से दौड रहे हैं, क्या वे जवाब दे रहे हैं क्या। परिवार में जो हो रहा है उसका जवाब दे रहे हैं क्या। पांच साल सरकार में क्या हुआ उसका हिसाब दे रहे हैं क्या। जो लोग अपनी सरकार का हिसाब नहीं दे रहे उन्हें जनता से वोट मांगने का अधिकार नहीं।
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मोदी ने सवाल किया कि यह कैसी व्यवस्था कि किसी की भैंस खो जाए तो पूरी सरकार खोजने निकल जाती है, लेकिन आम जनता की कोई सुनता नहीं। उन्हों ने जनता से पूछा कि जहां गन्ना किसान खेती करते हैं वहां आप मुझे बताएं कि किसानों को समय से गन्ना का भुगतान होता है क्या। आप बताएं कि यह स्थिति बदल सकती है कि नहीं। हमने कहा था कि सरकार में आने के बाद इस स्थिति को बदलेंगे। हमने 32 लाख किसानों के खाते में सीधे पैसा दे दिया। मिल वालों के खाते में पैसा नहीं दिया। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की सरकार गन्नाा किसानों के बकाए के लिए जवाब देने को भी तैयार नहीं है। पिछले चुनाव में बस्ती में मुलायम सिंह आए थे। उन्हों ने वादा किया था मुंडेरवा व वाल्टर गंज चीनी मिल का चलाने का। क्या यह मिल चालू हुई । यदि चालू नहीं हुई तो क्या उन्होंने वोट मांगने का अधिकार है।
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मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद खेती ऐसी है कि अमीर से अमीर और गरीब से गरीब भी उसका बीमा नहीं कराता। उत्तर प्रदेश में देश की अकेली सपा सरकार है जिसने किसानों पर दबाव डाला कि वे यह बीमा योजना न लें। आजादी के बाद हम यह ऐसी योजना ले आएं जो किसानों की मददगार है। जून-जुलाई और अगस्त में बारिश न होने से निराश किसान को भी इस योजना से लाभ मिल रहा है। यदि प्राकृतिक कारणों से भी जो किसान बुवाई नहीं कर पाए उन्हेंह भी इस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ मिलेगा। मोदी ने कहा, बस्ती के सांसद एवं यहां के जनप्रतिनिधि हमसे मिले थे। हमने उन्हें आश्वनस्त किया कि इस स्थिति में परिवर्तन होगा। भाजपा उत्तार प्रदेश के इस फैसले का स्वाेगत करता हूं जिन्होंसने कहा है कि सरकार बनने के बाद 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा।
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मोदी ने कहा कि हमने ऐसी फसल बीमा योजना बनाई है जिसमें यदि सारी फसल तैयार हो गई और अचानक बारिश आ गई और फसल का विनाश हो गया तो भी किसान को पैसा मिलेगा। जहां जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां के किसान इस योजना का लाभ ले चुके हैं। अकेला उत्तर प्रदेश है जो किसानों का पंद्रह फीसद भी लाभ नहीं पहुंचा पाया। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हमने देखा कि यूरिया के लिए किसान परेशान थे, लेकिन हमने ऐसी व्यवस्था बनाई जिससे यूरिया की समस्याि ही खत्म हो गई। उन्होंने भीड से पूछा कि क्या अब किसी को यूरिया के लिए कतार लगानी पडती है क्याज। उन्होंने कहा कि हमने यह नीमकोटिंग करके किया। पहले यूरिया की सब्सिडी किसान के नाम से निकलती थी, लेकिन माल केमिकल फैक्ट्री में चला जाता था। इससे किसान का यूरिया नहीं मिल पाती थी। हमने नीमकोटिंग करके इसका रास्ता निकाला। लोगों से कहा कि आप अपने गांव में नीम के पेड से फली निकालो। हम खरीदने को तैयार हैं। इसका परिणाम हो गया कि अब यूरिया केमिकल फैक्ट्री के काम की नहीं रही। यह सिर्फ खेती के काम आ सकती है। इससे संकट खत्मू हो गया। इस यूरिया के कारण फल उत्पादन में वृद्धि हो गई है।
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मोदी ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार ने बाहुबलियों को बढावा दिया है। अपहरण, अपराध एवं खनन उद्योग यहां के मुख्य उद्योग बन गए हैं। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहे हैं, यहां नौकरी के जितने कारनामे हुए उसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डंडा मारा। होनहार युवाओं का हक छीना गया, उसका हक मारा गया। जो भी गडबडी हुई है उसे भाजपा की सरकार कच्चा। चिट़ठा खोलगी। जिनका हक बनता है उन्हें हक दिलाया जाएगा। मोदी ने कहा कि कानून व्यवस्था ठीक होगी तभी कोई उद्योगपति आएगा और उद्योग लगेंगे। उन्हों ने कहा कि यहां नौकरी के लिए लाखों नौजवान आवेदन देते हैं, लेकिन उन्हें नौकरी का भरोसा नहीं रहता। जैसे ही इंटरव्यू के लिए बुलावा आता है कोई नेता घर पर टपक आता है।
आवेदक अपनी मां से बोलता है कि मां नौकरी के लिए दो लाख रुपये लगेगा। मां जमीन बेंचकर, गहने गिरवी रखकर बेटे की नौकरी के लिए रुपये देती है। जब इंटरव्यू के लिए युवा कमरे में घुसता है तो तीस सेकेंड में ही उसे निपटा दिया जाता है। लोग जैसे-तैसे सवाल पूछकर उसे बाहर कर देते हैं। इसलिए हमने तय किया कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में इंटरव्यू नहीं होगा, लेकिन भाई-भतीजाबाद के चक्किर में उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने केंद्र का यह निर्णय नहीं माना। यहां इंटरव्यू का खेल चलता है। हम यहां सरकार बनाते ही इसे लागू करेंगे।
बस्ती में 80 नब्बे हजार लोगों को गैस कनेक्शन दिया। काम करने की इछाशक्ति होनी चाहिए। दवाओं की कीमत को कम करने के लिए हमने अधिकारियों से चर्चा की। मैने गरीबी देखी है गरीबी जी कर आया हूं गरीब के परिवार में एक व्यक्ति बीमार हो जाए तो पूरा परिवार बरबाद हो जाता है। हमने दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण किया। पहले की सरकारें लुटेरी थीं। यह सरकार गरीब के लिए मध्यमवर्गीय परिवार के लिए है। किसानों माताओं के लिए है। मोदी ने कहा कि दिल की बीमारी के इलाज में लगने वाला छल्लाे जो 45000 में मिलता था उसके लिए मैंने नीति बनाइ् ।अब सात हजार में मिलेगा। जो सवा लाख का था अब 45 हजार में मिल जाएगा। हर दिन एक नई लडाई छेड रहा हूं। जिनकी दवाओं की कीमतें कम हो गर्इ वह लोग मुझसे नाराज होंगे। हजार 500 की नोट बंद कर दी जो जमा किए थे वह नाराज होंगे ही। 70 साल तक लूटा है अब नहीं चलेगा। आठ की रात पसीना छूट गया उनका। मैं अब कच्चा चिठठा खोल रहा हूं। पाई पाई देश के गरीबों को वापस करना होगा। गरीबों को न्याैय दिलाने का जिम्मा लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी लडाई है व्यवस्था के खिलाफ। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाया का मंत्र लिया है। अपने लिए नहीं अपनों के लिए कर रहा हूं। 125 देशवासियों का कल्याण ही मेरा कल्याण है। मुझे बस्ती के साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की पंक्तियां याद आती हैं। उन्होंने सक्सेना की कविता लडाई जारी है की अंतिम चार पंक्तियां सुनाई।
यह जो काला धन फैला है, यह जो चोरबाजारी हैं
सत्ता पाँव चूमती जिसके यह जो सरमाएदारी है
यह जो यम-सा नेता है, मतदाता की लाचारी है
उसे मिटाने और बदलने की करनी तैयारी है।
जारी है-जारी है
अभी लड़ाई जारी है।
इसके साथ ही मोदी ने अखिलेश यादव द़वारा गुजराती गधों को लेकर की गई टिप्प्णी पर पलटवार करते हुए बस्ती में पैदा हुए कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता नेता और गधा को पूरे रौ में सुनाया।
नेता के दो टोपी
औ’ गदहे के दो कान,
टोपी अदल-बदलकर पहनें
गदहा था हैरान।
एक रोज गदहे ने उनको
तंग गली में छेंका,
कई दुलत्ती झाड़ीं उन पर
और जोर से रेंका।
नेता उड़ गए, टोपी उड़ गई
उड़ गए उनके कान,
बीच सभा में खड़ा हो गया
गदहा सीना तान!
मोदी ने कहा कि देखिए बस्ती के कवि ने उन्हें वाब दे दिया है। उनको गधा अच्छा लगे न लगे, हम शेर की हिफाजत जितना करते हैं उतना ही गधों की भी करते हैं। यहां तो एक भैंस के लिए पूरी सरकार लग जाती है। अगर सीखना चाहें तो गधे से भी प्रेरणा मिल सकती है। गर्मी, बरसात हो या ठंड हो, तो भी गधा मालिक के आदेश को शिरोधार्य करता है। गधे के पैरों में चलने की ताकत न हो तो भी हीं है मालिक जो काम सौंपता है उसे पूरा करने के लिए वह लगा रहता है। मैं भी गधे से प्रेरणा लेकर सवा सौ देशवासियों के आदेश को पूरा करने के लिए काम करता हूं। आपके लिए मजदूरी करने में देर नहीं करता।