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टीडीपी के 35 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, पहली बार किया ये काम

यह गठबंधन सभी जन संगठनों, बेरोजगार और महिला समूहों से भी समर्थन मांगेगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:56 PM (IST)
टीडीपी के 35 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, पहली बार किया ये काम
टीडीपी के 35 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, पहली बार किया ये काम

नई दिल्ली, जेएनएन। तेलुगू देशम पार्टी ने अपने चुनावी इतिहास में पहली बार कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है। और ऐसा 35 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। टीडीपी और कांग्रेस के साथ इस गठबंधन में लेफ्ट भी है। पिछले महीने तीनों पार्टियों के बीच प्रथमचक्र की बातचीत के बाद ये घोषणा हुई। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के 35 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह किसी राज्य में कांग्रेस के साथ हाथ मिला रही है।

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कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी का कहना है कि वे तेलंगाना राष्ट्र समिति टीआरएस को परास्त करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। यह गठबंधन सभी जन संगठनों, बेरोजगार और महिला समूहों से भी समर्थन मांगेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने जल्द चुनाव कराने के लिए पिछले सप्ताह विधानसभा भंग कर दी थी। 7 दिसंबर को तेलंगाना विधानसभा चुनाव में वोट डाले जाएंगे।

तेलंगाना में टीआरएस के साथ गठबंधन नहीं : शाह

इधर बीजेपी का कहना है कि हैदराबाद में राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं है। टीआरएस को लोगों को बताना चाहिए कि विधानसभा चुनाव पहले कराने का निर्णय लेकर तेलंगाना पर अतिरिक्त चुनाव खर्च का बोझ क्यों थोपा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण के दौरान अलग संदर्भ में राव की सराहना की थी और इसे दोनों पार्टियों के बीच समझ विकसित होने के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। शाह ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के विचार 'एक देश एक चुनाव' का समर्थन किया था, लेकिन उनके रुख बदलने से वह चकित हैं।

तेलंगाना का सियासी समीकरण

2014 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में से केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 13, ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, भाजपा को 5, टीडीपी को 3 और सीपीआईएम को 1 सीट मिली थी। इन बार भी इन्हीं पार्टियों के बीच मुकाबला है।


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