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असम में सीट बंटवारे पर भाजपा और सहयोगियों में सहमति, तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस के बीच नहीं बन रही बात

असम विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर भाजपा और उसके दो सहयोगी दलों के बीच सहमति बन गई है। वहीं तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है। जानें तमिलनाडु में कहां फंसा है पेंच...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 12:41 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 12:45 AM (IST)
असम में सीट बंटवारे पर भाजपा और सहयोगियों में सहमति, तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस के बीच नहीं बन रही बात
तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है।

नई दिल्ली, एजेंसियां। असम विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर भाजपा और उसके दो सहयोगी दलों-असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के बीच सहमति बन गई है। सूत्रों ने बताया कि एक-दो दिन में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर हुई उच्च स्तरीय बैठक में सीट बंटवारे पर '99 फीसद सहमति' बन गई है। वहीं तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है।

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औपचारिक घोषणा जल्द

बैठक में शाह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल शामिल थे। इनके अलावा भाजपा के असम प्रदेश अध्यक्ष रंजित दास, एजीपी प्रमुख और राज्य में मंत्री अतुल बोरा, यूपीपीएल अध्यक्ष प्रमोद बोरो, भाजपा नेता और राज्य में मंत्री हेमंत विश्व सरमा भी मौजूद रहे। सीटों की औपचारिक घोषणा जल्द कर दी जाएगी।

यूपीपीएल को मिल सकती हैं 12 सीटें

पिछले विधानसभा चुनाव में 14 सीटें जीतने वाली एजीपी को इस बार 25 सीटें मिल सकती हैं। यूपीपीएल भाजपा की नई सहयोगी पार्टी है और विधानसभा में उसका कोई सदस्य भी नहीं है, इसलिए उसे 12 सीटें मिलने की संभावना है। 126 सदस्यीय विधानसभा की बाकी सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। पिछले चुनाव में भाजपा को 60 सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव में बीपीएफ भाजपा के साथ थी और 12 सीटों पर जीती थी, इस बार वह भाजपा से अलग हो गई है।

तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस के बीच नहीं बन रही बात

असम में जहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है वहीं तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस के बीच बाधा उत्पन्न हो गई है। द्रमुक प्रमुख और मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी एमके स्टालिन ने कांग्रेस को 18 से ज्यादा सीटें देने से साफ इन्कार कर दिया है। कांग्रेस पहले 45 सीटें मांग रही थी, लेकिन अब 33 सीटों पर अड़ी हुई है। स्टालिन का कहना है कि कांग्रेस की स्थिति मजबूत नहीं है, इसलिए उसे ज्यादा सीटें नहीं दी जा सकती हैं। 


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