राजस्थान के रेगिस्तान की राजनीति में बढ़ी गर्मी
राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के दिग्गज नेता जसवंत सिंह के परिवार के बीच दूरियां ओर अधिक बढ़ गई है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के दिग्गज नेता जसवंत सिंह के परिवार के बीच दूरियां ओर अधिक बढ़ गई है। वसुंधरा राजे और जसवंत के परिवार के बीच दूरी बढ़ने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार से जोधपुर संभाग में शुरू हुई "राजस्थान गौरव यात्रा " में वसुंधरा राजे जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द के विधानसभा क्षेत्र शिव में नहीं जा रही है।
वसुंधरा राजे जोधपुर संभाग के 33 विधानसभा क्षेत्रों में से 32 में जाएगी,लेकिन एक शिव विधानसभा क्षेत्र में उनकी यात्रा नहीं होगी। उधर जसवंत सिंह का परिवार भी अब खुलकर सामने आ गया है। जसवंत सिंह के परिवार ने 22 सितम्बर को पचपदरा में राजपूत समाज का एक बड़ा सम्मेलन रखा है। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के राजपूत नेताओं और जसवंत सिंह के समर्थकों को बुलाया गया है।
भाजपा विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री की यात्रा से दूरी रखते हुए मानवेन्द्र सिंह 22 सितम्बर को होने वाले सम्मेलन की तैयारियों में जुटे है । मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह जोधपुर संभाग के राजपूत समाज के लोगों को एकजुट करने को लेकर जगह-जगह बैठक कर रही है। वैसे वसुंधरा राजे की जैसलमेर यात्रा के दौरान शुक्रवार को बड़ी संख्या में राजपूत समाज की महिलाएं शामिल हुई ।
वसुंधरा और जसवंत सिंह के बीच इस कारण बढ़ी दूरी
वसुंधरा राजे और जसवंत सिंह के बीच बेहद मधुर संबंध थे ।लेकिन सात-आठ साल पहले वसुंधरा राजे और जसवंत सिंह के बीच दूरियां बढ़ने लगी। दोनों के बीच पिछले लोकसभा चुनाव में दूरियां ओर अधिक बढ़ गई। उस समय जसवंत सिंह बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे,लेकिन वसुंधरा राजे उनके पक्ष में नहीं थी।
वसुंधरा राजे ने कर्नल सोनाराम को टिकट दिया तो जसवंत सिंह निर्दलिय चुनाव लड़कर हार गए । हालांकि वसुंधरा राजे ने जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह को तो शिव विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और वे अभी विधायक है। जसवंत सिंह को निर्दलिय चुनाव लड़ने के कारण भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। इसके कुछ समय बाद जसवंत सिंह ने बाड़मेर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जसोल में रियाण का कार्यक्रम आयोजित किया था।
जोधपुर संभाग में रियाणा का प्रचलन है,इसमें एक-दूसरे को अफीम की मनुहार की थी। इस पर पुलिस ने जसवंत सिंह सहित अन्य के खिलाफ अफीम परोसने का मामला दर्ज किया,हालांकि यह मामला बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद से जसवंत सिंह बीमार हो गए।
जसवंत की पत्नी ने दर्ज करवाया था मुकदमा
जोधपुर में एक मंदिर के पुजारी हेमंत बोहरा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मंदिर बनाने की घोषणा की । भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास ने मुख्यमंत्री को अन्नपूर्णा देवी देवी के रूप में दर्शान वाले पोस्टर का विमोचन किया । इस पर जसवंत िसंह की पत्नी शीतल कंवर ने इस्तगासा के माध्यम से हिन्दुओं की धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था । हालांकि बाद में इस मामले में सीअाईडी ने एफआर लगा दी थी ।