राजस्थानः मंत्री और विधायक सुरेंद्र सिंह ने भाजपा से दिया इस्तीफा
राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही नाराजगी, इस्तीफे, बगावत और विरोध के सुर उठने शुरू हो गए।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही नाराजगी, इस्तीफे, बगावत और विरोध के सुर उठने शुरू हो गए। मंगलवार को दिनभर प्रदेश भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की हलचल रही और दोपहर बाद प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सेनी को कार्यकर्ताओं के घेराव और नारेबाजी का सामना भी करना पड़ा। सूची सामने आने के साथ ही जिनके टिकट कटे, उनमें से कुछ के समर्थक जयपुर और अपने जिलों में विरोध-प्रदर्शन करते नजर आए और जिनके टिकट कटने की संभावना दिख रही है, उनके समर्थक भी अपनी ताकत दिखाने पहुंच गए। सरकार के एक मंत्री व विधायक सुरेन्द्र गोयल ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इनका पार्टी ने टिकट काट दिया था। सुरेन्द्र गोयल नेबताया जा रहा है कि वे 17 नवंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
टिकट घोषित होने के बाद सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर दिन भर काफी हलचल रही। जिन्हें टिकट मिला, वे पार्टी नेताओं का धन्यवाद देने पहुचे, जिन्हें नहीं मिला, वे इसका कारण जानने पहुंचे और जो भी आया अपने साथ समर्थकों की भीड़ ले कर आया। इस बीच, किशनगढ़ से विधायक रहे भागीरथ चैधरी के समर्थक उनका टिकट काटने का विरोध करने पहुंचेे। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उनसे बात की, लेकिन बात बनी नहीं। मंत्री राजकुमार रिणवां के समर्थक भी पहुंचे। रिणवां के समर्थकों को आशंका है कि उनका टिकट कट सकता है, क्योंकि उनकी सीट पर दावेदारी करने के लिए कांग्रेस व बसपा में रह चुके अमिनेश महर्षि सोमवार को ही भाजपा में आ गए। उधर, उदयपुर में भी विधायक नानालाल अहारी का टिकट काटने का विरोध करने लोग गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से मिलन पहुंचे।
विरोध-प्रदर्शन के साथ ही इस्तीफों और निर्दलीय चुनाव लड़ने के एलान भी हुए। जयपुर के विराटनगर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व महामंत्री कुलदीप धनखड़ ने मौजूदा विधायक फूलचंद भिंडा को टिकट देने का विरोध करते हुए पार्टी का दामन छोड़ दिया है। वे अब निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। धनखड़ ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को भेजा है। वहीं, उदयपुर शहर में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को टिकट देने के विरोध मे पार्टी के युवा नेता प्रवीण रतलिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।
भीलवाड़ा में भी असंतोष के स्वर उभरे हैं। यहां मांडल से भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष उदयलाल भडाणा ने प्रत्याशी कालूलाल गुर्जर का विरोध करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। वहीं, नागौर से मौजूदा विधायक हबीबुर्रहमान टिकट कटने के बाद अब कांग्रेस या हनुमान बेनीवाल की पार्टी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा जैतारण से मंत्री सुरेन्द्र गोयल और कोटा में रामगंजमंडी से चंद्रकांता मेघवाल का टिकट काटे जाने का भी कडा विरोध सामने आ रहा है।
पार्टी में हो रही बगावत के बारे में भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि टिकट नहीं मिलने से नेता और कार्यकर्ताओं में खिन्नता आती है, लेकिन यह परिवार का मामला है, जिसे परिवार में मिल-बैठकर सुलझा लिया जाएगा। भाजपा की पहली सूची में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलने के मामले में शेखावत ने कहा कि पार्टी जिसे भी जहां उपयुक्त समझेगी उसे ही टिकट देगी और पहली सूची में ऐसा किया गया है।