सर्वे में नाम ऊपर-नीचे करवाना या मैनेज करना मुझे नहीं आता - गहलोत
गहलोत ने अपने बयान में साफ किया है कि पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगा पार्टी के हित में होगा। बयान के बाद से पार्टी के भीतर सियासी उबाल आ गया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। चुनावी तारीख के एलान के साथ ही सियासी दंगल में नेताओं के बीच जोर-आजमाइश बढ़ गई है। चुनाव जीतने से पहले ही कांग्रेस के भीतर सीएम की कुर्सी को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने बयान दिया है।
उन्होंने जयपुर में बातचीत के दौरान साफ कहा कि मुझे कोई लॉबिंग करने की जरूरत नहीं है और ना ही सर्वे में नाम ऊपर-नीचे करने का प्रयास करना है। एक सर्वे एजेंसी की ओर से विधानसभा चुनाव में लोकप्रियता के मामले में पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट को गहलोत से ऊपर बताने पर उन्होंने यह बयान दिया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कभी भी चुनाव से पहले सीएम घोषित करने की परंपरा नहीं रही है। पार्टी के सभी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि 'मुझे किसी भी तरह के लॉबिंग की जरूरत नहीं है'। 'मैं मैनेजमेंट नहीं जानता और लोकप्रियता को भुनाना नहीं जानता हूं। गहलोत ने कहा, 'मैं पहले भी कह चुका हूं कि खलक की आवाज खुदा की आवाज होती है।'
उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में केवल 1977 में टिकट मांगा था। उसके बाद आज तक बिना मांगे पार्टी ने सब कुछ दिया है। गहलोत ने अपने बयान में साफ किया है कि पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगा पार्टी के हित में होगा। गहलोत के इस बयान के बाद से पार्टी के भीतर सियासी उबाल आ गया है।