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मारवाड़ में कांग्रेस और मानवेंद्र बिगाड़ सकते हैं भाजपा का खेल

अब मानवेंद्र के कांग्रेस के साथ आने के बाद मारवाड़ के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं नागौर जिलों में काफी हद तक समीकरण बदलेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 06:56 PM (IST)
मारवाड़ में कांग्रेस और मानवेंद्र बिगाड़ सकते हैं भाजपा का खेल
मारवाड़ में कांग्रेस और मानवेंद्र बिगाड़ सकते हैं भाजपा का खेल

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। एक तरफ जहां दिल्ली में भाजपा के संस्थापक सदस्य जसवंत सिंह के विधायक पुत्र मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हुए। वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री रामपाल जाट ने आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता ग्रहण कर ली। अगले कुछ दिनों में भाजपा के वरिष्ठ जाट नेता नारायण राम बेड़ा, वसुंधरा राजे सरकार में पर्यटन मंत्री रही उषा पुनिया और पूर्व विधायक रणवीर पहलवान भी कांग्रेस में शामिल होंगे।

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बेड़ा की कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ बातचीत हो चुकी है। अगले माह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जोधपुर यात्रा के दौरान बेड़ा कांग्रेस में शामिल होने की अधिकारिक घोषणा करेंगे। पायलट का कहना है कि भाजपा के कुछ अन्य जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी अगले एक माह में कांग्रेस में शामिल होंगे।

मानवेंद्र के कांग्रेस के साथ होने से मारवाड़ में बदलेंगे समीकरण

दिग्गज नेता जसवंत सिंह का बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में काफी प्रभाव माना जाता है। इन जिलों के अधिकांश राजपूत तो जसवंत सिंह परिवार के साथ है ही। साथ में सिंधी और मुस्लिम भी उनका समर्थन करते रहे है। बाड़मेर जिले की शिव और चोहटन एवं जैसलमेर जिले के पोकरण विधानसभा क्षेत्र राजपूत, सिंधी और मुस्लिम जीत में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। मारवाड़ की बात करें वर्तमान में 8 विधायक राजपूत समाज से है। वहीं, प्रदेश में कुल 26 विधायक राजपूत समाज से हैं। ऐसे में मानवेंद्र अब कांग्रेस पार्टी में राजपूतों को जोड़ने का प्रयास करेंगे। पिछले दिनों मानवेंद्र लगातार जोधपुर एवं बीकानेर संभाग के जिलों के दौरे कर चुके हैं। प्रदेश का राजपूत समाज विभिन्न कारणों के चलते वसुंधरा राजे सरकार से नाराज चल रहा है। अब तक कांग्रेस में कोई बड़ा राजपूत चेहरा भी नहीं था। लेकिन अब मानवेंद्र के कांग्रेस के साथ आने के बाद मारवाड़ के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं नागौर जिलों में काफी हद तक समीकरण बदलेंगे। इन जिलों में भाजपा को परेशानी हो सकती है।

बेड़ा, पुनिया और पहलवान के माध्यम से जाटों को साधेगी कांग्रेस

पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ जाट नेता नारायण राम बेड़ा, पिछली वसुंधरा राजे सरकार में पर्यटन मंत्री रही उषा पुनिया एवं निर्दलीय विधायक रणवीर पहलवान को पार्टी में शामिल कर कांग्रेस जाट मतदाताओं को साधने का प्रयास करेगी। बेड़ा का मारवाड़ के जाट समाज में काफी प्रभाव है। बेड़ा की अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट के साथ बातचीत हो चुकी है। संभवत:अगले माह राहुल गांधी की जोधपुर यात्रा के दौरान बेड़ा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बेड़ा राज्य में भाजपा के पुराने नेता माने जाते हैं। पुनिया और पहलवान की भी कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत चल रही है। इन दोनों के माध्यम से नागौर, टोंक और अजमेर जिले के जाट समाज को अपने साथ लाने की रणनीति कांग्रेस ने बनाई है।

सरकार से नाराज रामपाल जाट आप में हुए शामिल 

कभी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास रहे रामपाल जाट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। आप की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जाट ने भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। जाट भाजपा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं।


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