विधानसभा चुनाव में पहली बार एक्सेसिबिलिटी पर्यवेक्षक लगेंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में कुल 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पहली बार एक्सेसिबिलिटी पर्यवेक्षकों (आसानी से पहुंच वाले पर्यवेक्षक) की नियुक्त की जाएगी। निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सामान्य पर्यवेक्षक, व्यय पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक माईक्रो पर्यवेक्षकों को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले अधिक संख्या में लगाया जाएगा।
इसके साथ ही पहली बार प्रयोग करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र संपूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने को विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद जयपुर में बताया कि आयोग द्वारा "सी विजिल" नाम से एक एप लांच किया गया है, यह अधिकतम 100 मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगा।
इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेगा। चुनाव पर होने वाले खर्च की निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षक निरंतर अपने निर्धारित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। प्रत्येक तीन निर्वाचन क्षेत्रों में फ्लाइंग स्वाक्ड को तैनात किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा 28 लाख रुपये का खर्चा करने की सीमा तय है। इससे अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई होगी। "एक्सपेंडीचर मॉनिटरिंग" के लिए अलग से टीम तैनात की जाएगी।
प्रदेश में 349 थर्ड जेंडर मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में कुल 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 2 करोड़ 48 लाख 21 हजार पुरुष और 2 करोड़ 26 लाख 89 हजार महिलाएं शामिल हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 349 और सेवा मतदाताओं की संख्या एक लाख दो हजार है।