प्रत्याशियों की घोषणा के संग ही पंजाब कांग्रेस में कलह तेज, पार्टी प्रवक्ता पर गिरी गाज
लाेकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा के संग पंजाब कांग्रेस में कलह तेज हो गई है। मनीष तिवारी को टिकट का विरोध करने वाले पार्टी प्रवक्ता को बर्खास्त कर दिया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही कलह तेज हो गई है। इसके साथ ही पार्टी में बागी नेताओं पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। श्री आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी को टिकट देने का विरोध करने व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अंगुली उठाने वाले पार्टी प्रवक्ता गुरविंदर सिंह बाली को कांग्रेस ने छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया है।
मनीष तिवारी का विरोध करने व कैप्टन पर अंगुली उठाने वाले बाली कांग्रेस से बर्खास्त
मीडिया में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सुनवाई न करने के आरोप लगाए थे। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) की चुनाव प्रबंधन कमेटी के चेयरमैन लाल सिंह ने गुरविंदर सिंह बाली को छह वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी सिद्धांतों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुरविंदर बाली ने श्री आनंदपुर साहिब सीट पर टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन पार्टी ने टिकट मनीष तिवारी को दे दिया। वह इस बात से खासे नाराज थे। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 37 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। श्री आनंदपुर साहिब का एक वोटर बता दे कि मनीष तिवारी कहां रहते हैं? यह तो पहले ही भागा हुआ नेता है, उसे किस लिए टिकट दी गई है।'
बाली ने कहा 'पंजाब कांग्रेस में किसी भी कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं है। अगर किसी को कोई पद या चेयरमैनशिप चाहिए तो अरूसा आलम से मिलने के लिए कह दिया जाता है। क्या अरूसा आलम पंजाब में पार्टी चला रही हैं?'
बाली ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सोनिया गांधी को भी अवगत करवा दिया था। पार्टी की ओर से कैप्टन अमरिंदर सिंह से जब इस बारे में पूछा गया, तो वह गुस्से में आ गए और उनकी टिकट कटवा दी। पार्टी से निकाले जाने पर उन्होंने कहा, 'वह मुझे क्या निकालेंगे? मैंने खुद पार्टी को दो दिन पहले छोड़ दिया था। सभी ओहदों से ही नहीं बल्कि पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से भी इस्तीफा दे दिया था।'
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फतेहगढ़ साहिब से डॉ. अमर सिंह का विरोध, पार्टी सचिव ने दी संघर्ष की चेतावनी
उधर फतेहगढ़ साहिब में भी कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार डॉ. अमर सिंह को टिकट देने का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के सचिव एडवोकेट हरनेक सिंह दीवाना ने इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने सात दिन का अल्टीमेटम देते हुए 22 अप्रैल को बस्सी पठाना में संघर्ष शुरू करने की चेतावनी दी है।
दीवाना ने कहा कि कांग्रेस ने उस अफसर को उम्मीदवार बनाया है, जिसने सारी उम्र मध्यप्रदेश में नौकरी की है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस में क्या सेवा की है। दीवाना ने बेटे इंदरजीत के लिए टिकट मांगी थी। इंदरजीत सिंह 2001 के हॉकी वर्ल्ड कप टीम के सदस्य थे।