बिखरे तिनकों को जमा करने में जुटे केजरीवाल, रूठों काे मनाने की कोशिशें तेज
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब में पार्टी के बिखरे तिनको जमा करने में जुट गए हैं। केजरीवाल और उनकी टीम रुठे विधायकों को मनाने में जुट गई है।
चंडीगढ़, [निर्मल सिंह मानशाहिया]। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में बिखरे झाड़ू के तिनकों को फिर से जमा करने में जुट गए हैं। उन्होंने रूठे विधायकों को मनानेे की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी से बागी होकर अलग दल बनाने वाले विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को छोड़कर केजरीवाल शेष छह में से पांच विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन विधायकों के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ में गुप्त बैठकें भी हो चुकी हैं। इसके साथ ही पार्टी छोड़ चुके कई नेताओं की घर वापसी की कोशिशें भी हो रही हैं।
रूठे विधायकों को मनाने की कोशिशें शुरू, पार्टी से अलग कई नेताओं की हो सकती है घर वापसी
केजरीवाल के पुराने थिंकटैंक में रह चुके नेताओं की टीम खैहरा गुट को बाहर से समर्थन देने वाले विधायकों का दिल जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। उन्हें इस बात का भरोसा दिया जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी टिकटें पक्की रहेंगी और उन्हें अहम पद दिए जाएंगे। इतना ही नहीं उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने की पेशकश भी दी जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार रूठे विधायकों को मनाने का जिम्मा केजरीवाल सीधे अपने हाथों में ले चुके हैं। वह दिल्ली में बैठकर पंजाब की चुनाव गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
खैहरा को छोड़कर पांच विधायकों से हुई गुप्त बैठक, तीन को अंदरखाते लोकसभा चुनाव लड़ाने की पेशकश
केजरीवाल ने अपनी कोर टीम के सदस्यों मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, दुर्गेश पाठक, भगवंत मान, मीत हेयर सहित 10 विधायकों की ड्यूटी लगाई है कि वह रूठे विधायकों को हर हाल में लोकसभा चुनाव के लिए घर वापसी करवाएं। केजरीवाल और उनकी टीम हर रूठे विधायक को अकेले में मिलकर गिले-शिकवे दूर करने में जुटी हुई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार रूठे हुए छह विधायकों में से केजरीवाल ने तीन विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की पेशकश भी की है।
बता दें कि आप के पास 20 विधायक हैं जिनमें से सात विधायकों ने अलग गुट बनाया हुआ है। इनमें से सुखपाल सिंह खैहरा ने केजरीवाल के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए आप से इस्तीफा देकर पंजाबी एकता पार्टी का गठन किया था। खैहरा की विधानसभा सदस्यता रद्द करवाने के लिए आप द्वारा स्पीकर को पत्र लिखा गया है।
वहीं खैहरा की पार्टी में शामिल न होकर आप के पांच विधायकों ने अलग गुट बनाया हुआ है। ये सभी खैहरा को बाहर से समर्थन दे रहे हैं। जिस समय केजरीवाल ने खैहरा को नेता विपक्ष के पद से हटाकर हरपाल चीमा को नेता विपक्ष बनाया तो उस दौरान खैहरा के साथ करीब आठ विधायक थे।
इनमें से बठिंडा से विधायक रूपिंदर कौर रूबी और गढ़शंकर के विधायक जयकिशन रौड़ी ने खैहरा का साथ छोड़ दिया। अब खैहरा को बाहर से समर्थन करने वाले विधायकों में मास्टर बलदेव सिंह, कंवर संधू, नाजर सिंह मानशाहिया, जगदेव सिंह कमालू, पिरमल सिंह धौला और जगतार सिंह जग्गा के नाम शामिल हैं। इनमें से बलदेव सिंह पंजाबी एकता पार्टी की ओर से फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं।