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Loksabha Election पंजाब कांग्रेस की चुनावी रणनीति से मेल नहीं खा रही पार्टी सर्वे टीमों की राय

Loksabha Election 2019 के लिए पंजाब कांग्रेस की रणनीति पार्टी की राज्‍य व केंद्रीय सर्वे टीमों के आकलन से मेल नहीं खा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 09:33 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 09:33 AM (IST)
Loksabha Election पंजाब कांग्रेस की चुनावी रणनीति से मेल नहीं खा रही पार्टी सर्वे टीमों की राय

जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ लोकसभा चुनाव को लेकर विशेष चुनावी रणनीति तय की है। पार्टी की केंद्रीय व राज्य इकाई की चुनावी सर्वे की टीमों की राय अलग-अलग है।

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बठिंडा, फिरोजपुर व गुरदासपुर में अभी प्रत्‍याशी घोषित नहीं करना चाहती केंद्रीय टीम, सर्वे भी खारिज किया

केंद्रीय सर्वे की टीम की सिफारिश है कि फिलहाल बठिंडा, फिरोजपुर व गुरदासपुर की सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तब तक न घोषित किया जाए, जब तक अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं हो जाती है। राज्य इकाई चाहती है कि उम्मीदवारों को लेकर स्थिति जल्द स्पष्ट हो जाए, ताकि चुनाव प्रचार में बढ़त ली जा सके।

वहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ में पंजाब को लेकर आयोजित बैठक में पार्टी के संगठन महासचिव इंचार्ज केसी वेणुगोपाल ने राज्य इकाई के इन तीनों सीटों को लेकर किए गए सर्वे को खारिज कर दिया था। अकाली दल फिलहाल हरसिमरत कौर बादल को बठिंडा व सुखबीर सिंह बादल को फिरोजपुर से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। अभी तक तीनों ही सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की गई है।

अकाली दल-भाजपा भी इन तीनों ही सीटों को लेकर कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा के इंतजार में है। विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट उपचुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी से छीनी थी। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ यहां से उपचुनाव जीते थे। भाजपा भी इस बार गुरदासपुर से किसी नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारने की कवायद में है।

बठिंडा व फिरोजपुर अकाली दल का गढ़ है। दोनों ही सीटों पर अकाली दल का कब्जा है। अकाली दल किसी भी रूप में इन सीटों को हाथ से नहीं जाने देना चाहता है। फिरोजपुर से सांसद रहे शेर सिंह घुबाया अकाली दल का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। उनके बेटे ने विधानसभा चुनाव में ही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर चुनाव जीता था।

फिरोजपुर में बिक्रम ङ्क्षसह मजीठिया ने दो बड़ी चुनावी जनसभाएं करके लोगों के मन को टटोला कि फिरोजपुर से लोग सुखबीर या हरसिमरत में से किसे चुनाव मैदान में देखना चाहते हैं। इतना तय है कि चुनाव दोनों ने ही चुनाव लड़ना है। अकाली दल केवल इस बात पर मंथन कर रहा है कि किस सीट से दोनों में से कौन उपयुक्त होगा। कांग्रेस ने इसी लिए हरसिमरत को घेरने के लिए किसी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारने की कवायद शुरू कर दी है।

मनप्रीत व नवजोत सिद्धू पर भी पार्टी खेल सकती है दांव

कांग्रेस के राज्य सर्वे टीम व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कोर टीम चाहती है कि नवजोत सिंह सिद्धू को अमृतसर से चुनाव लड़ाया जाए और केंद्रीय टीम चाहती है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को सुखबीर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा जाए। मनप्रीत खुद लोकसभा चुनाव लड़ने से पीछे भाग रहे हैं, लेकिन अगर पार्टी की तरफ से उन्हें कह दिया गया तो उन्हें चुनाव लड़ना पड़ सकता है। सुखबीर के खिलाफ अगर मनप्रीत चुनावी मैदान में आते हैं तो मुकाबला रोचक होना तय है।


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