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Loksabha Election पर विदेश में भी हलचल, चुनाव लड़ रहे पंजाब में, फंड जुट रहे परदेश से

Loksabha Election 2019 में उम्‍मीदवार चुनाव तो पंजाब से लड़ रहे हैं लेकिन इसके लिए फंड विदेश से जुटाने में लगे हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर कई देशों में रह रीे एनआरआइ में हलचल है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 09:09 AM (IST)
Loksabha Election पर विदेश में भी हलचल, चुनाव लड़ रहे पंजाब में, फंड जुट रहे परदेश से

होशियारपुर, [हजारी लाल/नीरज शर्मा]। पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है विदेश में रहने वाले एनआरआइज सक्रिय होना शुरू हो गए हैं। एनआरआइज हमेशा से चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव और उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने काफी फंड एनआरआइज के माध्यम से इकट्ठा किया था। इस बार भी फंड जुटाने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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इस बार कम है एनआरआइज का चुनाव के प्रति रुझान, फंडिंग में आ एगी कमी

आम आदमी पार्टी की टिकट पर पिछली बार पटियाला से सांसद बने डॉ. धर्मवीर गांधी के समर्थन में न्यूजीलैंड में फंड इकट्ठा किया जा रहा है। न्यूजीलैंड में रहने वाले उनके मित्रों ने अप्रैल में वहां डिनर का प्रोग्राम रखा है। इसके लिए टेबल बुक करवाई जा रही है। गांधी अब आप छोड़कर पंजाब डेमोक्रेटिक अलांयस में शामिल हो चुके हैं।

2017 के विस चुनाव में एनआरआइज ने आप के लिए की थी एक हजार करोड़ की फडिंग

हालांकि इस बार के चुनावी मौसम में कम ही  एनआरआइज दस्तक देंगे। इससे फंडिंग पर भी असर पड़ सकता है। विदेश में करीब 70 लाख भारतीय बसते हैं। लोकसभा चुनाव में उनका रुझान काफी कम है। आम आदमी पार्टी के एनआरआइ सेल के पूर्व प्रधान वरिंदर सिंह परिहार के अनुसार 2017 के विधानसभा चुनाव में एनआरआइज ने एक हजार करोड़ से ज्यादा की फंडिंग की थी। फंड के दुरुपयो ग पर घमासान भी मचा था। टिकटें बेचने का आरोप लगा था। लोकसभा चुनाव में एनआरआइज को भारत बुलाने के लिए राजनेता संदेश भी भेज रहे हैं। फिलहाल कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है।

एक आंकड़े के मुताबिक कनाडा में 16 लाख, अमेरिका में 12 लाख, इंग्लैंड में 10 लाख, ऑस्ट्रेलिया में 5 लाख, इटली में तीन लाख, जर्मनी में 1.50 लाख, नार्वे में 1.60 लाख, अन्य यूरोपियन देशों में दो लाख, न्यूजीलैंड में लगभग 1.50 लाख व खाड़ी देशों में 10 लाख के करीब भारतीय बसते हैं। पिछली बार युवा एनआरआइज ने आप की काफी मदद की थी। इसमें एंटी अकाली व कांग्रेस वर्ग था। दावा तो यह भी है कि अगर फंडिंग की जांच की जाएगी तो यह राशि एक हजार करोड़ से कहीं ज्यादा हो सकती है।

अमेरिका से सबसे ज्यादा फंडिंग

फंडिंग में अमेरिका सबसे आगे रहा। दूसरे नंबर पर कनाडा, तीसरे पर ऑस्ट्रेलिया व उसके बाद न्यूजीलैंड, इटली व जर्मनी था। कई एनआरआइज ने तो आप को 1-1 लाख डॉलर से भी अधिक फंडिंग की थी।

25 हजार एनआरआइज आए थे देश

पिछले चुनाव में 20 से 25 हजार एनआरआइज मतदान देने के लिए भारत आए थे, लेकिन पार्टी के हक में प्रचार करने वालों की संख्या इसके कई अधिक है। चुनाव के दौरान पंजाब के हर इलाके में एनआरआइज के लिए होटल बुक किए गए थे। लगभग तीन विमान तो केवल चुनाव के लिए बुक किए गए थे, जिनके जरिए एनआरआइ अपने देश आए थे।

इन तीन विमानों में लगभग 930 एनआरआई थे। एक साथ केवल इसलिए पंजाब आए थे कि उन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के हक में प्रचार करना था। साथ ही अपने परिवार, सगे संबंधियों को आप के हक में मतदान करने लिए प्रेरित करना था। विधानसभा चुनाव में आप ने विदेश में बसे एनआरआइज की मदद से जीत का सपना बुना था, लेकिन ऐसा न हो सका। इससे एनआरआइज निराश हो गए थे। पिछले चुनाव की निराशा के चलते इस बार उनमें उत्साह कम है।

फंडिंग के लिए पटियाला से पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवार डॉ. गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दावत का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि 45 साल के करियर और 15 साल के स्टडी पीरियड के दौरान उनके दोस्त और सामाजिक दायरे के कारण सहयोगी ये डिनर करवा रहे हैं और वे खुद इस डिनर में नहीं जा रहे। बीबी परमजीत कौर खालड़ा और डॉ. धर्मवीर गांधी के पक्ष में 13 अप्रैल को शाम 7 से 9 बजे तक रात को खाने का न्योता दिया गया है।


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