Amritsar, Punjab Lok Sabha Election 2019: भाजपा के पुरी व कांग्रेस के औजला में कड़ी टक्कर
अमृतसर में कांग्रेस ने सांसद गुरजीत सिंह औजला पर दोबारा विश्वास जताया है जबकि भाजपा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को चुनाव मैदान में उतारा है।
जेएनएन, अमृतसर। इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपनी साख बचाने के लिए ताकत झोंक दी है। इस सीट पर नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा की तरफ से लोकसभा चुनाव में हैट्रिक बनाई थी, लेकिन उनके जाने बाद भाजपा को लगातार दो बाद हार मिली। इस बार भी यहां चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और भाजपा-अकाली गठबंधन आमने-सामने हैंं। कांग्रेस ने सांसद गुरजीत सिंह औजला पर दोबारा विश्वास जताया है। जबकि भाजपा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के बाद भी अमृतसर सीट से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 2014 में 1,02,770 मतों से हार गए थे। अब प्रधानमंत्री मोदी के नाम के सहारे हरदीप पुरी अपनी नैया पार लगाने के लिए मैदान में हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप सिंह धालीवाल और पंजाब डेमोक्रेटिड अलायंस की प्रत्याशी बीबी दसविंदर कौर ने भी प्रचार में पूरी जान लगाई है। धालीवाल के प्रचार में आप पंजाब कन्वीनर भगवंत मान और बीबी दसविंदर कौर के लिए पीडीए चेयरमैन सुखपाल खैहरा पहुंचे। दोनों ही प्रत्याशियों ने रोड शो व डोर-टू-डोर प्रचार के जरिये जनता से सीधा संपर्क साधा।
स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे को दी हवा, छींटाकशी हावी रही
चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री पुरी के बाहरी होने का मुद्दा बनाया। भाषणों में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को खूब हवा दी। दूसरी तरफ भाजपा-शिअद गठबंधन औजला की शिक्षा को मुद्दा बनाकर पलटवार करता रहा। कांग्रेस ने मोदी सरकार की पांच साल की कारगुजारी पर भाजपा को घेरा तो गठबंधन नेता कैप्टन सरकार के दो साल कार्यकाल का हिसाब मांगते रहे। हालांकि, बॉर्डर बेल्ट में नशा, कंटीली तार पार की खेती, बॉर्डर इंड्रस्टी, जीएसटी, नोटबंदी, मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के अलावा बेअदबी भी अहम मुद्दे हैं, लेकिन प्रचार में छींटाकशी हावी रही।
गुटबंदी व भितरघात बड़ी चुनौती
चुनावी रण में दोनों ही कांग्रेसी प्रत्याशी औजला और गठबंधन प्रत्याशी पुरी पार्टियों की गुटबंदी का शिकार रहे। दोनों कहीं न कहीं भितरघात से भी भयभीत हैं। औजला को अपने ही विधायकों को साथ चलने में बीस दिन लग गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह की घुट्टी के बाद सभी लामबंद हुए। भाजपा-शिअद में भी ऐसे ही हालात रहे। भाजपा के दो बड़े धड़े प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक व पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी आमने-सामने हैं। वहीं शिअद की ओर से अटारी से मंत्री रहे गुलजार सिंह रणीके को फरीदकोट भेजना, अजनाला हलके के नेताओं का अकाली दल टकसाली में चला जाना कहीं न कहीं चुनाव में अखरा है।
सियासी समीकरणः नौ विधानसभा हलकों में से आठ पर कांग्रेस काबिज
अमृतसर लोकसभा हलके के नौ विधानसभा हलकों में से आठ पर कांग्रेस काबिज है। यहां से कैप्टन सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री हैं। 1952 से लेकर अब तक 19 बार हुए लोकसभा व उपचुनाव में कांग्रेस ने यहां से 12 बार जीत दर्ज की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुनंदन लाल भाटिया सांसद छह बार इस संसदीय सीट से सांसद चुने गए। नवजोत सिंह सिद्धू ने 2004, 2007, 2009 में भाजपा को हैट्रिक दिलवाई।
मतदाताओं की संख्या
अमृतसर में कुल वोटर: 14,68,972
पुरुष वोटर: 7,78,608
महिला वोटर: 6,90,313
थर्ड जेंडर वोटर: 51
जातीय समीकरण
सिख वोटर: 65 फीसद
हिंंदू वोटर:28 फीसद
अन्य वोटर: 7 फीसद
लोकसभा चुनाव 2014 रिजल्ट
प्रत्याशी पार्टी वोट मिले
कै. अमरिंदर सिंह कांग्रेस 4,82,876 (1,02,770 वोटों से जीते)
अरुण जेटली भाजपा 3,80,106
डॉ. दलजीत सिहं आप 82,633
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