Loksabha Election: अमरिंदर सिंह ही हैं पंजाब के कैप्टन, टिकट बंटवारे में दिखा दम
Loksabha Election 2019 के लिए पंजाब में कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा में साफ हो गया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ही राज्य में पार्टी के असली बॉस हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में भले ही 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर अंतरद्वंद्व चल रहा हो और नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना कैप्टन न मानते हों लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में सीन अलग है। अपने पसंदीदा नेताओं को टिकट दिलाकर उन्होंने साबित कर दिया कि पंजाब में कांग्रेस के 'कैप्टन' वही हैैं। कैप्टन की कूटनीति व राजनीतिक दबंगई ही थी कि कांग्रेस द्वारा घोषित 11 उम्मीदवारों में से छह अमरिंदर की पसंद है।
11 में से छह सीटों पर वही प्रत्याशी जिन्हें चाहते थे मुख्यमंत्री
टिकट बंटवारे को लेकर सबकी नजर श्री आनंदपुर साहिब और संगरूर सीट पर लगी हुई थी। श्री आनंदपुर साहिब से कैप्टन मनीष तिवारी को टिकट दिलवाना चाहते थे, जबकि पंजाब कांग्र्रेस व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू के हक में थे। अहम पहलू तो यह था कि कैप्टन संधू को खुद कैप्टन ने ही श्री आनंदपुर साहिब से टिकट मांगने के लिए लाइन में लगाया था।
बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद वह मनीष तिवारी के लिए टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे थे। अंतत: तमाम विरोध के बावजूद तिवारी को टिकट दिलवाने में कैप्टन कामयाब रहे, जबकि यह सीट किसी जट्ट को जाने की उम्मीद थी। इसी प्रकार हिंदू सीट कही जाने वाली संगरूर सीट पर कैप्टन ने अपने करीबी व जट्ट उम्मीदवार केवल ढिल्लों को टिकट दिलवाया। यह कैप्टन की ही गणित थी कि श्री आनंदपुर साहिब से हिंदू और संगरूर से जïट्ट उम्मीदवार पर दांव खेला जाए। इस खेल में कैप्टन ने अपने राजनीतिक सलाहकार को भी दरकिनार कर दिया।
इन सीटों पर चली कैप्टन की
बठिंडा और फिरोजपुर सीट को छोड़ कर अभी तक कांग्र्रेस 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इसमें से खडूर साहिब, संगरूर, श्री आनंदपुर साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब ऐसी सीटें है जहां से वही प्रत्याशी बने जिनके पक्ष में कैप्टन अमरिंदर सिंह खड़े थे। मजहबी सिख बाहुल्य सीट फरीदकोट में भी कैप्टन ने मोहम्मद सदीक पर दांव खेला जोकि विधान सभा चुनाव हार गए थे। खडूर साहिब में कैप्टन ने जसबीर डिंपा पर दांव खेला जोकि पंथक चेहरा नहीं हैं जबकि यह सीट पूर्ण रूप से पंथक मानी जाती है।
अमृतसर सीट पर बिगड़ी गणित
अमृतसर सीट को छोड़ दिया जाए तो टिकट बंटवारे में कैप्टन ही हावी रहे। अमृतसर सीट पर कैप्टन गुरजीत औजला के हक में नहीं थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के औजला के समर्थन में आने से कैप्टन की गणित बिगड़ गई थी। अपनी पत्नी परनीत कौर के अलावा वह छह सीटों पर हावी रहे।
परीक्षा अब भी है बाकी
बठिंडा और फिरोजपुर सीट को लेकर कैप्टन अमरिंदर की अब भी परीक्षा बाकी है। बठिंडा से कैप्टन विजय इंदर सिंगला के नाम का प्रस्ताव रख रहे हैं, जबकि सिंगला खुद ही चुनाव नहीं लडऩा चाहते। फिरोजपुर सीट से कैप्टन अपने करीबी राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को टिकट दिलवाना चाहते थे, जबकि फिरोजपुर से सुनील जाखड़ रमिंदर आंवला के हक में खड़े हैं। अब देखना है कि अंतिम दो टिकटों में किसकी चलती है।