Move to Jagran APP

मुख्‍यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच राज्‍यपाल से शिवसेना नेता के बाद मिले फडणवीस

शिवसेना नेता दिवाकर राओते के बाद मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्‍यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 11:33 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 02:31 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच राज्‍यपाल से शिवसेना नेता के बाद मिले फडणवीस
मुख्‍यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच राज्‍यपाल से शिवसेना नेता के बाद मिले फडणवीस

मुंबई, पीटीआइ। महाराष्‍ट्र की राजनीति में उथल-पुथल जारी है। भाजपा और शिवसेना के बीच समझौते को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस बीच शिवसेना नेता दिवाकर राओते के बाद मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले। भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्‍यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। हालांकि, खुलकर अभी किसी भी पक्ष की ओर से कोई बयानबाजी नहीं सुनने को मिली है। सूत्र ऐसा दावा कर रहे हैं कि फडणवीस और राओते ने मुलाकात के दौरान अनौपचारिक तौर पर महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर राज्‍यपाल से बात की है।

loksabha election banner

शिवसेना ने 50-50 के फॉर्मूले को पेश कर अपने पत्‍ते खोल दिए हैं, लेकिन भाजपा ने अभी तक अपनी मंशा जाहिर नहीं की है। ऐसे में दिवाकर राओते और देवेंद्र फडणवीस के राज्‍यपाल से मिलने को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं, दोनों पार्टियां इस मुलाकात को सिर्फ औपचारिकता बता रही हैं। लेकिन क्‍या वाकई ऐसा है? ऐसा लगता नहीं है।

दरअसल, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ा हुआ है। इतना ही नहीं शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर लिखित आश्वासन भी मांगा है, लेकिन अभी तक भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। शिवसेना के कई नेता आदित्‍य ठाकरे को मुख्‍यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। सवाल ये उठता है कि क्‍या भाजपा अब शिवसेना के 50-50 फॉर्मूले पर राजी होगी?

महाराष्ट्र में भाजपा के दिवाली कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वह राज्य में गठबंधन की एक स्थिर सरकार देंगे, लेकिन कैसे इसके बारे में उन्‍होंने कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में हम गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं। इसलिए आने वाले पांच साल हम राज्य में हम भाजपा के नेतृत्व वाली स्थिर सरकार देंगे। गौरतलब है कि 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल ही संपन्न हुए राज्य चुनावों में भाजपा ने 2014 की तुलना में 17 सीटों के नुकसान पर 105 सीटें जीतीं। वहीं 2014 के मुकाबले शिवसेना को भी कम सीटें मिली हैं। 2014 में शिवसेना ने 63 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार सिर्फ 56 सीटें ही हासिल की हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.