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ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति आदित्य चुनावी मैदान में, संजय राउत बोले; शेर का बच्चा लड़ने जा रहा चुनाव

Maharashtra Election दो दिन पहले ही आदित्य के पिता उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया था कि वह शिवसेना का मुख्यमंत्री बनवाकर अपने पिता की इच्छा जरूर पूरी करेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 09:14 PM (IST)
ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति आदित्य चुनावी मैदान में, संजय राउत बोले; शेर का बच्चा लड़ने जा रहा चुनाव
ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति आदित्य चुनावी मैदान में, संजय राउत बोले; शेर का बच्चा लड़ने जा रहा चुनाव

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने सोमवार को सीधे चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। वह ठाकरे परिवार से प्रथम व्यक्ति होंगे, जो सीधे चुनाव का सामना करेंगे। शिवसेना उन्हें मुंबई के वरली क्षेत्र से उम्मीदवार बनाएगी। 

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यह बहुप्रतीक्षित घोषणा आज शिवसेना की ‘विजय संकल्प रैली’ में स्वयं आदित्य ठाकरे ने अपने पिता उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति में की। टिकट वितरण की प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण उद्धव इस रैली में शामिल नहीं हो सके। 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यदि शिवसैनिक चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं। यदि यहां के लोग चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं। यदि हमारी पार्टी के नेता मुझे अनुमति देते हैं। तो मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं।

महाराष्ट्र को आगे ले जाना चाहता हूं: आदित्य ठाकरे

उन्होंने आगे कहा कि मैं पार्टी प्रमुख उद्धव जी की अनुमति ले चुका हूं। मैं यहां के वर्तमान विधायक शिंदे जी से भी बात कर चुका हूं। अब मैं आपकी अनुमति लेने आया हूं। आदित्य ने कहा कि मैं वरली का विकास करना चाहता हूं। साथ ही, मैं महाराष्ट्र को भी आगे ले जाना चाहता हूं। इसलिए सिर्फ वरली नहीं, बल्कि पूरा महाराष्ट्र मेरा कार्यक्षेत्र होगा। आदित्य ने शिवसैनिकों से पूरे महाराष्ट्र के गांव-गांव में जाकर अपने लिए प्रचार करने की अपील की। 

वरली विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

बता दें कि वरली विधानसभा सीट से शिवसेना के ही सुनील शिंदे विधायक हैं। 2014 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सचिन अहीर को पराजित किया था। सचिन अहीर स्वयं भी कुछ समय पहले ही राकांपा छोड़कर शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। वरली की सीट शिवसेना के लिए अब काफी मजबूत मानी जा रही है। यही कारण है कि चुनावी मैदान में उतरने जा रहे ठाकरे परिवार के प्रथम सदस्य को यहां से उतारने की योजना बनाई गई है। ताकि आदित्य रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीत सकें।

आदित्य ने अपने दादा बालासाहब ठाकरे के समय से ही राजनीतिक मंचों पर जाना शुरू कर दिया था। इस चुनाव से पहले तो उन्होंने स्वयं शिवसेना की ओर से जन आशीर्वाद यात्रा राजनीति के मैदान में फ्रंटफुट पर आकर खेलने की मंसा जाहिर कर दी थी। जुलाई में जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत के दौरान ही उन्होंने संकेत दे दिए थे कि यदि लोग चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं, तो मैं तैयार हूं। 

पिता की इच्छा पूरी करेंगे उद्धव ठाकरे

दो दिन पहले ही आदित्य के पिता उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया था कि वह शिवसेना का मुख्यमंत्री बनवाकर अपने पिता की इच्छा जरूर पूरी करेंगे। इस विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन होने की पूरी संभावना, एवं भाजपा की बेहद मजबूत स्थिति के बावजूद उद्धव ठाकरे की यह घोषणा शिवसेना की भविष्य की राजनीति का संकेत देती है।

इस बार शिवसेना अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए भले ही भाजपा से कम सीटों पर लड़ने को राजी होती दिखाई दे रही हो, लेकिन उद्धव को उम्मीद है कि युवा आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना का जनाधार बढ़ेगा और वह एक बार फिर गठबंधन में बड़े भाई का दर्जा पाने में कामयाब होगी।

शेर का बच्चा लड़ने जा रहा चुनाव

शिवसेना सांसद संजय राऊत ने आदित्य की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आदित्य के रूप में महाराष्ट्र का छावा (शेर का बच्चा) चुनाव लड़ने जा रहा है। शिवसैनिकों का मानना है कि ठाकरे परिवार के किसी सदस्य के सीधे चुनाव लड़ने से पार्टी के पक्ष में बेहतर माहौल बनेगा और वह अधिक सीटें जीतने में कामयाब होगी। तब गठबंधन की राजनीति में वह उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ ज्यादा मंत्रीपद के लिए सौदेबाजी की करने की स्थिति में होगी।   


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