MP Election 2018 : शिवराज की बांधवगढ़ सफारी पर विवाद, कांग्रेस ने कहा-2 घंटे ज्यादा रुके
MP Election 2018 : नेता प्रतिपक्ष ने कहा- चुनाव आयोग से करेंगे शिकायत वहीं वन्यप्राणी प्रेमी अजय दुबे ने एनटीसीए से की शिकायत।
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परिवार के साथ सफारी पर विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कहा कि आम पर्यटक पार्क के अंदर सुबह 10 बजे के बाद नहीं रुक सकते, लेकिन सीएम वहां 12 बजे किसकी इजाजत से मौजूद थे। उन्होंने इसकी चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है।
वहीं इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट और वन्य प्राणी प्रेमी अजय दुबे ने एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी) से शिकायत कर दी है। ये शिकायतें टाइगर रिजर्व के नियम और कायदों के उल्लंघन को लेकर की जा रही है। वहीं पार्क प्रबंधन ने कहा है कि सीएम ने कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने फुल डे सफारी की बुकिंग की थी।
दो घंटे ज्यादा कैसे की सफारी
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवाल उठाया है कि जब एक आम पर्यटक जंगल के अंदर सुबह दस बजे के बाद जंगल के अंदर नहीं रह सकता तो फिर सीएम को यह इजाजत कैसे मिल गई। वे बांधवगढ़ में एक साधारण पर्यटक की हैसियत से सफारी करने गए थे और एक निजी रिसॉर्ट में रुके थे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि ऐसा उन्होंने सिर्फ इसलिए कर लिया क्योंकि वे सीएम हैं और उनका अपना प्रभाव है, जबकि आचार संहिता लगी हुई है और इस दौरान उनके प्रभाव में आकर उन्हें दी जाने वाली अतिरिक्त सुविधा आचार संहिता का उल्लंघन है।
वीआईपी गेट से बाहर आए सीएम
आरोप लगाया गया है कि सीएम अपने परिवार पत्नी साधना सिंह, पुत्र कुणाल सिंह और कार्तिकेय सिंह के साथ गुरुवार की सुबह ताला गेट से जंगल के अंदर गए थे और वीआईपी गेट से बाहर आए। जंगल के अंदर उन्हें छह बाघ देखने को मिले। सुबह की सफारी के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान शाम की सफारी के लिए भी जंगल गए। हालांकि जंगल जाने से पहले उन्होंने मानपुर की मां ज्वालामुखी के मंदिर जाकर वहां दर्शन किए और बाद में अपने रिसॉर्ट में आकर खाना खाया।
इनका कहना है
सुबह 6 बजे से एंट्री के बाद 10 बजे से पर्यटकों की जिप्सी वापस लौटने लगती हैं और 11 बजे तक जंगल से पूरी तरह बाहर आ जाती हैं। जहां तक सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार की सफारी की बात है तो उन्होंने 6 और 7 नवंबर को फुल डे की सफारी बुक कराई है। उन्होंने जंगल नियम का कोई उल्लंघन नहीं किया है।
- मृदुल पाठक, फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व