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MP Election 2018 : EVM पर एक फैसला सुरक्षित, दूसरे मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को

MP Election 2018 : EVM मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने लगाई हैं अलग-अलग याचिका।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 08:49 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 08:49 PM (IST)
MP Election 2018 : EVM पर एक फैसला सुरक्षित, दूसरे मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को
MP Election 2018 : EVM पर एक फैसला सुरक्षित, दूसरे मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को

जबलपुर। ईवीएम में गड़बड़ी की संभावना को लेकर हाईकोर्ट में लगी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। वहीं ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों से ईवीएम की गणना का मिलान करने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

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कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रायन डिसिल्वा ने कहा कि चुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ की संभावना है। जहां-जहां ईवीएम मशीनों में खराबी पाई गई है और स्ट्रांग रूम पहुंचाने में देरी हुई है उन सारे मामलों की एसआईटी से जांच कराने की मांग भी की।

इस मामले में चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ गुप्ता ने न्यायालय को बताया कि चुनाव को लेकर जो भी शिकायत की गईं थीं उनका निराकरण कर दिया गया है। इसके अलावा उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई जिनके खिलाफ लापरवाही के आरोप लगे थे। प्रदेश में देरी से ईवीएम पहुंचने और अलग से ईवीएम मिलने की जो शिकायत है, वह गलत है क्योंकि इस प्रकार की जो भी ईवीएम मिली हैं वे रिजर्व में रखी गई थीं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया।

वहीं एक अन्य मामले में तिलहरी निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग का दावा है कि ईवीएम टैंपर प्रूफ है, किसी भी वायरलेस डिवाइस से इसको कनेक्ट नहीं किया जा सकता है।

वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने ईवीएम मैन्युअल के चैप्टर 19 में कहा है कि ईवीएम ट्रैकिंग के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (ईटीएस) यानी ईवीएम ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए सेंट्रल इलेक्शन ऑफिसर, जिला निर्वाचन अधिकारी और वेयर हाउस इंचार्ज ईवीएम से कनेक्ट हो सकते हैं और ईवीएम की लोकेशन ट्रैस कर सकते हैं।

ऐसी स्थिति में ईवीएम से मतगणना शंकास्पद हो जाती है। याचिका में सागर खुरई और खंडवा में ईवीएम विलंब से पहुंचने, सतना में मतगणना केन्द्र में संदिग्धों के घुसने और भोपाल में मतगणना केन्द्र की बिजली गुल होने का भी हवाला दिया गया है। इसके आधार पर ईवीएम की गणना का मिलान वीवीपैट पर्चियों से कराने का निर्देश जारी करने का अनुरोध हाईकोर्ट से किया गया है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तय की है।


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