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MP Chunav 2018: बागियों की वजह से पिछड़ा भाजपा का चुनाव प्रचार, नहीं माने कुसमरिया

MP Chunav 2018पू र्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया से भी सारे लोगों ने बातचीत की लेकिन उन्होंने नामांकन वापस लेने से साफ इंकार कर दिया।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 10:23 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 08:25 AM (IST)
MP Chunav 2018: बागियों की वजह से पिछड़ा भाजपा का चुनाव प्रचार, नहीं माने कुसमरिया
MP Chunav 2018: बागियों की वजह से पिछड़ा भाजपा का चुनाव प्रचार, नहीं माने कुसमरिया

भोपाल। बागियों की वजह से भारतीय जनता पार्टी का चुनाव प्रचार भी तीन दिन पिछड़ गया। बुधवार को सुबह से मुख्यमंत्री निवास में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश प्रभारी डाॅक्‍टर विनय सहस्त्रबुद्धे ने एकसाथ बागियों से बातचीत की लेकिन बगावत करने वाले बड़े नेता नहीं माने। पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया से भी सारे लोगों ने बातचीत की लेकिन उन्होंने नामांकन वापस लेने से साफ इंकार कर दिया।

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कुसमरिया ने कहा कि मेरी टिकट उम्र के कारण काटी तो हमउम्र वित्तमंत्री जयंत मलैया को टिकट क्यों दिया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी कुसमरिया को मनाने दमोह पहुंचे पर उन्होंने झा से मुलाकात भी नहीं की। पार्टी नेताओं की मानें तो विधायक राजकुमार मेव, नरेंद्र सिंह कुशवाह और ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता को सरकार बनने पर मंत्री दर्जा का पद देने का भी ऑफर दिया गया लेकिन वे नहीं मानें। मेव को पार्टी से निष्‍कासित करने की खबर मिली है।

पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि अंतिम क्षणों में होशंगाबाद के कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह को भी मनाने की कोशिश हुई लेकिन नाकाम रही। इधर, बमोरी से पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल ने भी चुनाव लड़ने का अपना इरादा साफ कर दिया। भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धीरज पटेरिया भी नहीं माने। पटेरिया जबलपुर उत्तर से निर्दलीय प्रत्याशी हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  सहस्त्रबुद्धे कहते हैं कि नाम वापसी के बाद भी पार्टी बागियों को मनाएगी, अभी भी हमें उम्मीद है कि नाराज लोग मान जाएंगे, न मानने वालों पर पार्टी संविधान के तहत कार्यवाही होगी, पार्टी संविधान सख्त भी है और नरम भी।

डैमेज कंट्रोल फेल

पिछले सात दिनों से भाजपा में चल रहा डैमेज कंट्रोल का प्लान लगभग फेल हो गया। पांच दिन भोपाल में रहे रामलाल की कवायद से लेकर शिवराज सिंह चौहान, राकेश सिंह, सुहास भगत, डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे की बात ज्यादातर बागी ने नहीं मानी। भाजपा ने एढ़ी-चोटी का जोर लगाया पर प्रत्याशियों से खुन्नस के चलते बागी निर्दलीय मैदान में डटे रहे।

ये हैं बीजेपी के बागी

रामकृष्ण कुसमरिया - दमोह और पथरिया से लड़ेंगे चुनाव

धीरज पटेरिया - पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष जबलपुर उत्तर-मध्य सीट से निर्दलीय मैदान में

समीक्षा गुप्ता - ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय मैदान में

नरेंद्र सिंह कुशवाह -भाजपा विधायक अब सपा के टिकट से भिण्ड में चुनावी मैदान में

ब्रह्मानंद रत्नाकर - पूर्व विधायक भोपाल की बैरसिया सीट से निर्दलीय मैदान में

लता राजू महस्की -जिला पंचायत अध्यक्ष बगावत कर बैतूल से सपाक्स उम्मीदवार

मनोज डहेरिया - बैतूल की आमला सीट से बागी उम्मीदवार

केएल अग्रवाल - पूर्व मंत्री अग्रवाल बम्होरी सीट से निर्दलीय मैदान में

जेपी मंडलोई -शाजापुर सीट से बागी उम्मीदवार

राजकुमार मेव- विधायक महेश्वर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे


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