हाईटेक होगा विधानसभा चुनाव, सभा की अनुमति ऑनलाइन; 90 मिनट में शिकायतों का समाधान
देश में पहली बार चुनाव के समय किसी भी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को सभाएं करने, रैली निकालने या फिर अन्य कार्यक्रमों के लिए कागज लेकर दफ्तर-दफ्तर अनुमति के लिए नहीं भागना पड़ेगा।
भोपाल (नईदुनिया)। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 की तैयारियों में पार्टियां जहां हाईटेक तरीका अपना रही है, वहीं भारत निर्वाचन आयोग ने भी हाईटेक चुनाव कराने के लिए कमर कस ली है। देश में पहली बार चुनाव के समय किसी भी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को सभाएं करने, रैली निकालने या फिर अन्य कार्यक्रमों के लिए कागज लेकर दफ्तर-दफ्तर अनुमति के लिए नहीं भागना पड़ेगा। जिस दिन और समय यह कार्यक्रम होना है उससे ठीक 48 घंटे पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अनुमति भी ऑनलाइन ही मिल जाएगी।
चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी या फर्जी मतदान की शिकायत भी ऑनलाइन ही होगी। इधर, इस ऑनलाइन व्यवस्था में जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है। उसे रैली-सभा की अनुमति ऑनलाइन जारी करनी होगी, वहीं 90 मिनट में शिकायत का निराकरण करना होगा। दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की मॉनीटरिंग के लिए ऑनलाइन सात तरह के मोबाइल एप डिजाइन कराए हैं। इससे चुनाव की मॉनीटरिंग मिनट-टू-मिनट होगी। भारत निर्वाचन आयोग को भी यह जानकारी सीधे पहुंचेगी। भोपाल के ई-गवर्नेस शाखा के प्रभारी अमित शर्मा ने बताया कि इन सभी एप की टेस्टिंग जिला स्तर पर चल रही है।
क्या है एप सुविधा
रैली, सभा की अनुमति के लिए महज 48 घंटे पहले करना होगा आवेदन किसी भी राजनैतिक पार्टी के उम्मीदवारों को अब रैली निकालने, सभा करने या माइक लगाने के लिए अपने मोबाइल पर 'सुविधा' एप डाउनलोड करना होगा। ऑनलाइन ही उसे अनुमति मिलेगी। इससे अनुमति देने में भेदभाव नहीं हो सकेगा। खास बात तो यह है कि 48 घंटे या 72 घंटे के पहले ही इसके लिए आवेदन कर सकेंगे
सी-विजिल: एप के जरिए आई शिकायतों का 90 मिनट में होगा समाधान
चुनाव के समय वोटिंग में गड़बड़ी, ईवीएम खराब होना, उपद्रव या फिर बूथ कैप्चरिंग जैसी शिकायत आती है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 'सी-विजिल' एप तैयार किया है। एप पर आने वाली शिकायतों का निराकरण निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों को 90 मिनट के अंदर करना होगा। इस एप की खासियत यह है कि सभी शिकायतें जीपीएस बेस्ड होंगी, इसलिए कोई भी भ्रामक शिकायत इसमें नहीं कर पाएगा। इस एप में शिकायत के साथ फोटो और वीडियो भी अपलोड करने होंगे।
समाधान: आम व्यक्ति को परेशानी होने पर 'समाधान' के जरिए होंगी शिकायतें
सीजीएस(सिटीजन ग्रीवेंस सर्विस): इस एप से ऑनलाइन शिकायतें जैसे किसी व्यक्ति की मतदाता पर्ची न निकलना या दूसरे व्यक्ति द्वारा मतदान करके चला जाना आदि शिकायतें की जा सकती हैं।
सुगम: किस गाड़ी में डला है कितना पेट्रोल बताएगा एप
चुनाव के समय अधिकारी, कर्मचारियों के साथ-साथ उम्मीदवारों के भी वाहनों की ट्रेकिंग के लिए 'सुगम' एप बनाया गया है। इन वाहनों में कितना फ्यूल है, कितने किमी चला, वर्तमान में वह कहां पर है यह सब ट्रेकिंग हो सकेगी। इस एप से वाहन संबंधित समस्त शिकायत और ट्रेकिंग की व्यवस्था की गई है।
जेनासेस: आवेदन भरने से लेकर परिणाम तक की जानकारी देगा यह एप
'जेनासेस' एप का उपयोग उम्मीदवारों के फार्म भरने के लिए किया जाएगा। जैसी ही फार्म भरेगा उसके मोबाइल पर एक एसएसएस अलर्ट आएगा। गलती होने पर दोबारा फार्म भी भरा जा सकेगा। एप से फार्म भरने से लेकर परिणाम आने तक के एसएमएस उम्मीदवार को मिलेंगे।
ईवीएम ट्रेकिंग सिस्टम: हर ईवीएम का हिसाब रखेगा यह एप
इस एप के जरिए ईवीएम मशीनों की ट्रेकिंग की जा सकेगी। किस मतदान केंद्र में कौन सी ईवीएम रखी है और कब मतगणना के लिए गई, मतदान के बाद उसे कहां रखा गया है इस एप के जरिए ट्रेकिंग होती रहेगी।
ईटीपीबीएस: क्यूआर कोड के जरिए सर्विस वोटर डाल सकेंगे वोट थल, जल और वायुसेना सहित पुलिस व अन्य सर्विस वोटर लिए निर्वाचन में ईटीबीपीएस (इलेक्ट्रॉनिक ट्रासमेटिंग पोस्टल बैलेट सिस्टम) के माध्यम से मतदान की सुविधा दी जाएगी।
भोपाल के कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने कहा सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी अभी से तय कर दी गई है, समय-समय पर ट्रेनिंग दी जा रही है। ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।