Madhya Pradesh Cabinet में होगा मालवा-निमाड़ का दबदबा
कमलनाथ के मंत्रिमंडल के गठन में मालवा-निमाड़ का भी दबदबा रहेगा, क्योंकि इसी क्षेत्र से मिली बढ़त ने सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कमलनाथ के मंत्रिमंडल के गठन में मालवा-निमाड़ का भी दबदबा रहेगा, क्योंकि इसी क्षेत्र से मिली बढ़त ने सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। कई ऐसे विधायक भी चुनाव जीते हैं, जो दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री थे। अनुभव के आधार पर उन्हें मौका मिलेगा। इंदौर जिले से मंत्री पद की दौड़ में दो नाम सबसे आगे हैं। माना जा रहा है दोनों को मुख्यमंत्री कमलनाथ मौका दे सकते हैं। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इंदौर में थे और मंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे कई विधायक उनसे मिले और मंत्री बनने की इच्छा भी जताई।
निमाड़ के तीन जिले धार, खंडवा और झाबुआ से कांग्रेस को विधानसभा सीटों में काफी बढ़त मिली। भगवानपुरा से केदार डाबर, बुरहानपुर से सुरेंद्रसिंह भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते और बाद में दोनों की कांग्रेस में वापसी हो गई। समर्थन देने के बदले दोनों विधायकों में से किसी एक को मंत्री पद दिया जा सकता है। इसके अलावा प्रदेश के तीन बड़े नेताओं के समर्थक भी चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। उनके लिए भी नेता मंत्री पद दिलाने में प्रयासरत रहेंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ से जुड़े सज्जनसिंह वर्मा का दावा मंत्री पद के लिए सबसे मजबूत हैं।
सांवेर विधानसभा से चुनाव जीते तुलसी सिलावट का नाम सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बढ़ा रखा है। वहीं बुरहानपुर से निर्दलीय चुनाव जीते सुरेंद्रसिंह और राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी मंत्री पद के लिए उनकी लिस्ट में शामिल हैं। राऊ से लगातार दूसरा चुनाव जीते जीतू पटवारी का दावा भी मजबूत माना जा रहा है। महेश्वर सीट से चुनाव जीती डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ भी पहले मंत्री रह चुकी हैं, उनका नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए चल रहा है। राजपुर सीट से चुनाव जीते बाला बच्चन भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।
इंदौर रहा था खाली हाथ
शिवराजसिंह सरकार मंत्रिमंडल में इंदौर से बीते दो साल में किसी को भी प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिल पाया। कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में इंदौर से मंत्री पद के लिए सुदर्शन गुप्ता और रमेश मेंदोला का दावा मजबूत रहा, लेकिन सरकार ने दोनों को ही मंत्री नहीं बनाया। कमलनाथ सरकार में इंदौर पावर सेंटर बनकर उभर सकता है। शिवराज सरकार में मालवा-निमाड़ से छह विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिला था। माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या मालवा-निमाड़ से छह से ज्यादा हो सकती है।