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Madhya Pradesh Elections 2018: अधिक मतदान से अफसर भी गफलत में

MP Election 2018: मंत्रालय सहित राजधानी के तमाम सरकारी भवनों में बैठे वरिष्ठ अफसर चुनावी गणित को सुलझाने में लगे हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 11:57 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 07:35 AM (IST)
Madhya Pradesh Elections 2018: अधिक मतदान से अफसर भी गफलत में
Madhya Pradesh Elections 2018: अधिक मतदान से अफसर भी गफलत में

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान (74.85 फीसदी) ने ब्यूरोक्रेसी को भी गफलत में डाल दिया है। ट्रेंड को समझने में माहिर अफसरों के मतदान के बाद हाव-भाव से ही पता चल जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। राजनीतिक पंडित अपने-अपने दावे कर रहे हैं, लेकिन अफसर मौन हैं। जबकि कर्मचारी कह रहे हैं कि 'वक्त है बदलाव का"।

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मंत्रालय सहित राजधानी के तमाम सरकारी भवनों में बैठे वरिष्ठ अफसर चुनावी गणित को सुलझाने में लगे हैं। वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान सरकार की योजनाओं का नतीजा है या जनता की नाराजगी का। कहा जाता है कि अफसर मतदान के बाद आकलन कर पैंतरे बदल लेते हैं। वे परिणाम आने का इंतजार किए बगैर जमावट में जुट जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। अफसरों को भी समझ नहीं आ रहा है कि किसे साधें और किसे छोड़ें।

उधर, अपनी मांगों और अपने प्रति सरकार के व्यवहार से नाराज कर्मचारी साफ कह रहे हैं कि वक्त बदल रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान का कारण आक्रोश है और यह आक्रोश भाजपा के खिलाफ है। वे कहते हैं कि प्रदेश में 12 फीसदी कर्मचारी मतदाता हैं, जिनमें से 70 फीसदी ने विरोध दर्ज कराया है। कर्मचारियों का यह भी दावा है कि परिणाम पर किसान और व्यापारी वर्ग की नाराजगी भी दिखाई देगी। उनके लिए योजनाएं बनीं, लेकिन फायदा बिचौलिए उठा ले गए।


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