MP Election 2018: 4000 से ज्यादा मशीन खराब, फिर भी 2.34% ज्यादा वोटिंग
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए छुटपुट घटनाओं के बीच 75 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया।
भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए छुटपुट घटनाओं के बीच 75 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। यह 2013 में हुए 72.66 फीसदी मतदान के मुकाबले 2.34 फीसदी ज्यादा है। 250 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर शाम साढ़े छह बजे तक कतारें लगी रहीं। नक्सल प्रभावित बैहर, लांजी और परसवाड़ा में दोपहर तीन बजे मतदान समाप्त हुआ। भिंड की मेहगांव विधानसभा के मोहनपुरा केंद्र से लगे गड़पारा गांव में गोली चलने की घटना हुई। वहीं, बड़ी मात्रा में बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट खराब हुईं, जिन्हें बदलकर मतदान कराया गया।
मतगणना 11 दिसंबर को सुबह आठ बजे से होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न् हुआ। कहीं से भी चुनाव के बहिष्कार या बूथ कैप्चरिंग की खबरें नहीं आईं। शाम छह बजे तक लगभग 75 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जहां मशीनों को बदलने की वजह से समय लगा था, वहां देर शाम तक मतदान चलता रहा। मतदान दल देर रात तक वापस लौटेगा। गुरुवार सुबह 10 बजे तक मतदान का प्रतिशत कुछ और बढ़ सकता है।
इंदौर, धार, गुना के कर्मचारियों की मौत, 10-10 लाख की मदद
चुनाव ड्यूटी के दौरान इंदौर मेंसहायक शिक्षक कैलाशचंद पटेल, गुना के परायां गांव में एसपीओ सोहनलाल बाथम और धार के गंधवानी में आंगनवाड़ी सहायिका मोहिदा बाई की हार्टअटैक से मृत्यु हो गई। इन सभी के परिजनों को दस-दस लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इंदौर के 45 वर्षीय कैलाशचंद पटेल की इंदौर-5 के नेहरू नगर में ड्यूटी थी। सुबह करीब 6.30 बजे उन्हें घबराहट और सीने में दर्द हुआ। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। एक घंटे बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
जनता ने लोकतंत्र को समृद्ध बनाया
जिस तरह प्रदेश के मतदाताओं ने मतदान के लिए उत्साह दिखाया और लोकतंत्र में जागरूकता का परिचय दिया, उससे भारतीय लोकतंत्र समृद्ध हुआ है। यह प्रदेश में पिछले 15 वर्षों के दौरान हुए विकास का प्रमाण है और विकास व सुशासन से प्रदेश की जनता अभिभूत है। -शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री
जहां तीन घंटे वोट नहीं पड़े हुई वहां फिर वोटिंग करवाएं
जिन मतदान केंद्रों पर तीन घंटे या अधिक समय मतदान प्रभावित हुआ है, वहां पुनर्मतदान कराया जाए। ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं रहा, जहां किसी न किसी केंद्र पर ईवीएम में तकनीकी या अन्य खराबी नहीं आई हो। कई मतदाता लौट गए या बाद में लंबी लाइन देखकर उनका वोटिंग का इरादा बदल गया। हमने ईवीएम खराबी की 150 शिकायतें की हैं। -कमलनाथ, अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
ईवीएम की गड़बड़ी का आरोप लगा कमलनाथ ने हार मानी
ईवीएम में गड़बड़ी और प्रशासनिक गड़बड़ी जैसे निराधार आरोप लगाकर कमलनाथ ने परिणाम आने से पहले ही हार स्वीकार कर ली है। उनका ट्वीट साबित करता है कि मतदान के बीच में ही उन्होंने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने का रास्ता साफ कर दिया है। भाजपा प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने जा रही है। -राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा