अपराधियों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर, कहा- माहौल खराब करने वालों को जल्द ही पकड़े पुलिस
आयोग ने कहा है कि जल्द ही ऐसे लोगो को हिरासत में लिया जाए जो चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते है।
नई दिल्ली [शिवांग माथुर]। आगामी विधानसभा चुनावों को स्वतंत्र-निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिये चुनाव आयोग ने राज्यों की पुलिस और प्रशासन को निर्देश जारी किये हैं, जिसके तहत पुलिस को लंबित पड़े गैर जमानती वारंट मामलों को निपटाने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने कहा है कि जल्द ही ऐसे लोगों को हिरासत में लिया जाए जो चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं।
चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि गैर जमानती वारंट के क्रियान्वयन में तेजी लाए जाए। मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी के दिये आकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि अकेले मध्यप्रदेश में करीब 80 हजार लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट है। जिन्हें राज्य की पुलिस को चुनाव से पहले जेल भेजने का काम करना है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पुलिस को निर्देश दिये हैं कि वो जेल में भी औचक निरीक्षण करें ताकि जेल के भीतर अपराधियों को मोबाइल जैसी सुविधा न मिल सके, साथ ही सभी लाइसेंसशुदा हथियारों को जमा करने पर भी आयोग ने निर्देश दिये हैं।
वहीं जिन राज्यों में चुनाव होना है, वहां आचार सहिंता का ठीक से पालन हो सके इसके लिए भी आयोग ने जिला और राज्य स्तर पर कमांड और कंट्रोल रुम बनाने का फैसला किया है। बता दें कि इस कंट्रोल रूम से शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की गाडि़यों में लगे कैमरे की लाइव फुटेज पर निगरानी रखी जाएगी।
आयोग ने जानकारी दी है कि चुनावी माहौल में अपराधियों से निपटने के लिए आयोग इस बार क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम का इस्तेमाल करेगा साथ ही ड्राप गेट्स, चेक पोस्ट, और राज्यों को जोड़ने वाले नाकों पर सीसीटीवी लगाये जा रहे हैं।
बता दे कि चुनाव आयोग लगातार सभी निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है। आयोग का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में यदि इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान, सिक्योरिटी प्लान, स्वीप प्लान और वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट प्लान बनाकर काम किया जाए तो नतीजे और भी बेहतर आएंगे।