Madhya Pradesh Chunav 2018 मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर ऐसे हुआ सीधा मुकाबला
Madhya Pradesh Chunav 2018 मध्यप्रदेश में 15 साल से भाजपा का राज है। कुल 2,907 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है और 11 दिसंबर को खुलेगी।
मल्टीमीडिया डेस्क। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ। सभी 230 सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले गए। 11 दिसंबर को चार अन्य राज्यों के साथ मध्यप्रदेश का भी चुनाव परिणाम आएगा। प्रदेश में हर बार की तरह मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा। हालांकि कुछ सीटों पर कहीं बसपा, कहीं सपा या कहीं कोई अन्य दल/प्रत्याशी ने जरूर टक्कर दी। जानिए सभी 230 सीटों के प्रमुख दो प्रत्याशियों के बारे में जिनके बीच सीधा मुकाबला हुआ -
मालवा-निमाड़: 15 जिले, 66 सीटें, 2 संभाग (2013 का परिणाम: भाजपा 57, कांग्रेस 9)
चुनाव लड़ने-लड़ाने वाले दिग्गज नेताः भाजपा से सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय, पारस जैन, नंदकुमार सिंह चौहान, अर्चना चिटनिस, कुंवर विजय शाह, थावरचंद गहलोत, प्रेमचंद गुड्डू। कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, विजय लक्ष्मी साधो, शोभा ओझा, जीतू पटवारी।
मुद्दे: किसान आंदोलन, एससी-एसटी एक्ट का विरोध, बढ़ता अपराध, विकास
महाकोशल: 8 जिले, 38 विधानसभा, 1 संभाग (2013 का परिणाम: भाजपा 24, कांग्रेस 13, निर्दलीय 1)
चुनाव लड़ने-लड़ाने वाले दिग्गज नेता: राकेश सिंह, अजय विश्नोई, जालम सिंह, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, अंचल सोनकर, अशोक रोहणी भाजपा के बड़े नेता हैं। कांग्रेस से कमलनाथ सबसे बड़े नेता हैं।
मुद्दे: प्रदूषण और अवैध खनन के कारण अस्तित्व खोती नर्मदा, बेरोजगारी, मूलभूत सुविधाओं का अभाव
ग्वालियर-चंबल: 8 जिले, 34 विधानसभा, 2 संभाग (2013 का नतीजा: भाजपा 20, कांग्रेस 12, बसपा 2)
चुनाव लड़ने-लड़ाने वाले बडे़ नेता: ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा। 6 बार विधायक रह चुके डॉ. गोविंद सिंह दूसरे कद्दावर। भाजपा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, यशोधरा राजे सिंधिया और जयभान सिंह पवैया का बड़ा जनाधार।
सबसे युवा, सबसे उम्रदराज प्रत्याशी: मुरैना से भाजपा प्रत्याशी रुस्तम सिंह (73 वर्ष) क्षेत्र के सबसे उम्रदराज प्रत्याशी। दतिया से भाजपा प्रत्याशी 28 साल की रजनी प्रजापति सबसे युवा।
सबसे बड़ा मुद्दा: एससी-एसटी एक्ट का सबसे ज्यादा असर इसी क्षेत्र में दिखा था। हिंसा भड़की थी। पार्टियों के प्रत्याशी चयन में यही मुद्दा हावी रहा।
मध्य भारत: 8 जिले, 36 विधानसभा, 2 संभाग
चुनाव लड़ने-लड़ाने वाले बड़े नेता: भाजपा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़े नेता हैं। वहीं बाबूलाल गौर की सीट से चुनाव लड़ रहीं उनकी बहू कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, उमा शंकर गुप्ता, सुरेंद्र नाथ सिंह, सीताशरण शर्मा, गौरीशंकर शेजवार, विश्वास सारंग पर भी सबकी नजरें हैं। कांग्रेस से अरुण यादव, आरिफ अकील और सरताज सिंह बड़े नाम हैं।
विंध्य: 7 जिले, 30 विधानसभा, 2 संभाग (2013 का परिणाम: भाजपा 17, कांग्रेस 11, बसपा 2)
नागौद, रामपुर-बघेलान, चुरहट, अमरपाटन और रीवा सीटों पर कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह के अलावा अभय मिश्रा, ज्ञानवती सिंह इसी क्षेत्र से प्रत्याशी हैं भाजपा के दिग्ग्ज उम्मीदवारों में मंत्री राजेंद्र शुक्ला मैदान, विक्रम सिंह, शारदेन्दु तिवारी, रामखिलवान पटेल और मीना सिंह शामिल हैं।
बुंदेलखंड: 6 जिले, 26 विधासनभा, 1 संभाग (2013 का नतीजा: 20 भाजपा, 6 कांग्रेस)
कांटे का मुकाबला : छतरपुर की 5, टीकमगढ़ की 2 और पन्ना की 1 सीट पर कहीं सपा तो कहीं बसपा प्रत्याशी के कारण त्रिकोणीय मुकाबला। 11 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर। 7 सीटों पर बागी हावी।
सबसे बड़ी चर्चा: भाजपा से खफा मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया दमोह और पथरिया से चुनाव लड़ रहे हैं। दमोह में वित्तमंत्री जयंत मलैया, तो पथरिया में लखन पटेल भाजपा प्रत्याशी हैं।
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