Madhya Pradesh Chunav 2018: मालवा-निमाड़ में सबसे बड़ी जंग
Madhya Pradesh Chunav 2018: यूं तो मालवा-निमाड़ की 66 में से ज्यादातर सीटों को भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार सारे सियासी पंडित चुप हैं। अब मतदाता की बारी है।
मल्टीमीडिया डेस्क। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को सभी 230 सीटों पर मतदान होगा। जिन सीटों पर सभी की नजरें रहेंगी, उनमें मालवा-निमाड़ की 66 सीटें भी शामिल हैं। यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। 2013 के चुनावों में भाजपा ने 66 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस महज 9 सीटों पर सिमट गई थी। हालांकि इस बार हालात कुछ अलग हैं। यही कारण है कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। जानिए मालवा-निमाड़ की सियासत से जुड़ी खास बातें -
मालवा-निमाड़: 15 जिले, 66 सीटें, 2 संभाग
1. इंदौर: इंदौर जिले में 9 विधानसभा सीटे हैं- इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, इंदौर-4, इंदौर-5, महू, राऊ, सांवेर और देपालपुर। इंदौर संभाग भी है।
2. धार: धार जिले में कुल सात सीटें पड़ती हैं- धार, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी और बदनावर।
3. खरगोन: इस जिले में 6 सीटे हैं- खरगोन, भीकनगांव, बड़वाह, महेश्वर, भगवानपुरा और कसरावद।
4. खंडवा: खंडवा जिला 4 सीटों का प्रतिनिधित्व करता है- खंडवा, मंधाता, पंधाना और हरसूद।
5. बुरहानपुर: इस जिले में दो सीटें नेपानगर और बुरहानपुर हैं।
6. बड़वानी: बड़वानी जिले में चार विधानसभा सीटे हैं - बड़वानी, सेंधवा, पानसेलम और राजपुर।
7. झाबुआ: झाबुआ जिले में तीन विधानसभा सीटे हैं- झाबुआ, थांदला और पेटलावद।
8. आलीराजपुर: इस जिले में आलीराजपुर और जोबट, दो विधानसभा सीटे हैं।
9. उज्जैन: उज्जैन जिले में सात विधानसभाए आती हैं- नागदा-खचरौद, महिदपुर, तराना, घट्टिया, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण और बड़नगर। उज्जैन इस क्षेत्र का दूुसरा संभाग है।
10. मंदसौर: इस जिले में चार सीटें हैं- मंदसौर, मल्हारगढ़, सुवासरा और गरोठ।
11. रतलाम: रतलाम जिला पांच विधानसभा सीटों से बनता हैं - रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर, सैलाना, जावरा और आलोट।
12. शाजापुर: इस जिले में शाजापुर समेत शुजालपुर और कालापीपल, कुल तीन विधानसभाएं हैं।
13. देवास: इस जिले में पांच सीटें आतीा हैं - सोनकच्छ, देवास, हाटपीपल्या, खातेगांव और बागली।
14. नीमच: नीमच जिले में तीन सीटें - मनासा, नीमच, जावद हैं
15 आगर: इस जिले में सुसनेर और आगर, दो सीटे हैं।
ये हैं दिग्गज नेता: मालवा-निमाड़ में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा के दो सबसे बड़े नेता हैं। इनके अलावा पारस जैन, नंदकुमार सिंह चौहन, अर्चना चिटनिस, कुंवर विजय शाह, थावरचंद गहलोत, मनोहर ऊंटवाल और प्रेमचंद गुड्डू भी प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। वहीं कांतिलाल भूरिया, विजय लक्ष्मी साधो, शोभा ओझा और जीतू पटवारी की गिनती मालवा-निमाड़ के बड़े कांग्रेस नेताओं में होती है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: मालवा-निमाड़ के 10 बड़े मुकाबले
विधानसभा | भाजपा प्रत्याशी | कांग्रेस प्रत्याशी | मौजूदा विधायक | ...इसलिए चर्चा में |
इंदौर-3 |
आकाश विजयवर्गीय | अश्विन जोशी | भाजपा | आकाश भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। |
महू | उषा ठाकुर | अंतर सिंह दरबार | भाजपा | पहले इस सीट पर कैलाश विजयवर्गीय लड़ते थे। इस बार उनकी जगह बेटे को इंदौर-3 से टिकट दिया गया है। |
राऊ | मधु वर्मा | जीतू पटवारी | कांग्रेस | जीतू पटवारी कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं और चुनाव प्रचार के दौरान अपनी बयानबाजी के लिए चर्चा में रहे हैं। |
घट्टिया | अजीत बोरासी | रामलाल मालवीय | भाजपा | अजीत, प्रेमचंद गुड्डू के बेटे हैं जो चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने अपने घोषित प्रत्याशी को हटाकर अजीत को टिकट दिया है। |
झाबुआ | जीएस डामोर | डॉ. विक्रांत भूरिया | भाजपा | विक्रांत, कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं। डॉक्टर और इंजीनियर का मुकाबला होने के कारण भी यह आदिवासी बहुल सीट चर्चा में है। |
बदनावर | भंवर सिंह शेखावत | राजवर्धन सिंह दत्तिगांव | भाजपा | राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव पूर्व विधायक प्रेमसिंह दत्तीगांव के बेटे हैं। भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी की मांग दरकिनार करते हुए भंवरसिंह शेखावत को पुन: मौका दिया है। |
महेश्वर | भूपेंद्र आर्य | विजय लक्ष्मी साधो | भाजपा | भाजपा ने 2003 के विधायक भूपेंद्र आर्य को तो कांग्रेस ने चार बार विधायक रहीं डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ को टिकट दिया है। मौजूदा भाजपा विधायक राजकुमार मेव के निर्दलीय मैदान में उतरने से त्रिकोणीय मुकाबला है। |
पानसेमल | दीवान सिंह पटेल | चंद्रभागा किराड़े | भाजपा | यहां दोनों दलों ने अपने पुराने प्रत्याशियों पर दांव खेला है। |
मंदसौर | यशपाल सिंह सिसोदिया | नरेंद्र नाहटा | भाजपा | किसान आंदोलन से चर्चा में आई इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस ने पूरा दम लगाया है। |
आगर | मनोहर ऊंटवाल | विपिन वानखेड़े | भाजपा | मनोहर ऊंटवाल को संघ का समर्थन है और ये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं। |
इस बार के मुद्दे: मंदसौर में किसान आंदोलन के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ चले सवर्ण आंदोलन का खासा असर मालवा-निमाड़ में देखने को मिला। इंदौर जैसे बड़े शहर में सामने आए रेप के मामलों को भी विपक्ष ने मुद्दा बनाने की कोशिश की।
मालवा-निमाड़ की सभी 66 सीटों के प्रमुख प्रत्याशी