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1984 Sikh Riots verdict: कमलनाथ के शपथग्रहण में नहीं आए केजरीवाल, सिख दंगों को लेकर किया ऐसा ट्वीट

1984 Sikh Riots verdict: कांग्रेस की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वे नहीं आए।

By Arvind DubeyEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 02:59 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 02:59 PM (IST)
1984 Sikh Riots verdict: कमलनाथ के शपथग्रहण में नहीं आए केजरीवाल, सिख दंगों को लेकर किया ऐसा ट्वीट
1984 Sikh Riots verdict: कमलनाथ के शपथग्रहण में नहीं आए केजरीवाल, सिख दंगों को लेकर किया ऐसा ट्वीट

भोपाल/नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ के शपथ ग्रहण में हिस्सा नहीं लिया। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वे नहीं आए। हालांकि इसका कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। 

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वहीं सोमवार को 1984 के सिख दंगों पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके बाद दिल्ली में आप के सांसद भगवंत मान ने मांग की है कि सिख दंगों में कमलनाथ पर भी केस चलना चाहिए और उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए।

केजरीवाल ने लिखा- कोई आरोपी नहीं बचना चाहिए

केजरीवाल ने भी सिख दंगों पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि वे इसका स्वागत करते हैं। केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि किसी भी दंगे में शामिल आरोपी नहीं बचना चाहिए, चाहे कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो। 

आम आदमी पार्टी इससे पहले भी सिख दंगों में कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि सिख दंगों के मुख्य आरोपियों में शामिल कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ सफेद कुर्ते पहनकर घूम रहे हैं। कांग्रेस ने 32 साल से अपनी मानसिकता नहीं बदली है।  

जानिए क्या है सज्जन कुमार का केस

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख दंगों का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने सज्जन कुमार को आपराधिक साजिश रचने और दंगा भड़काने की धारा के तहत दोषी पाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है और उन्हें तब तक जेल में सरेंडर करना होगा।

कोर्ट ने सज्जन कुमार के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं दो अन्य को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 1 से 4 नवंबर 1984 को दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हुए नरसंहार हुआ वो राजनीतिज्ञ अभिनेताओं ने लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के सहयोग से तैयार किया था। यह इंसानियत के खिलाफ अपराध को विस्तृत रूप में बताता है।


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