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CG Election 2018 : कांग्रेस में भीतरघाती हुए कम, फिर भी 12 विधानसभा क्षेत्रों से पहुंची शिकायत

CG Election 2018 : कांग्रेस में पिछले चुनाव की तुलना में छोटी हुई भीतरघातियों की सूची। 2013 में 29 सीटों से भीतरघात की शिकायत मिली थी।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:26 PM (IST)
CG Election 2018 : कांग्रेस में भीतरघाती हुए कम, फिर भी 12 विधानसभा क्षेत्रों से पहुंची शिकायत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 15 साल से वनवास काट रही कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि पार्टी में इस चुनाव में भीतरघाती कम हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अभी तक 12 विधानसभा सीटों के भीतरघातियों की शिकायत मिली है।

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पिछले विधानसभा चुनाव तुलना की जाए तो इस बार शिकायत आधी भी नहीं आई है। 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद 29 विधानसभा क्षेत्रों से भीतरघात की शिकायत मिली थी। संख्या कम होने पर पार्टी के आला नेता खुश तो हैं, लेकिन उनकी कोशिश यही है कि बचे हुए भीतरघातियों को भी सख्ती से सबक सिखाया जाए।

पीसीसी ने सभी प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों से भीतरघातियों के खिलाफ शिकायत मंगाई है, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके। जल्द ही पीसीसी सभी भीतरघातियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगेगी। आला नेताओं का कहना है कि भीतरघातियों पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है।

हर बार की तरह कांग्रेस प्रत्याशियों को फिर से भीतरघात का सामना तो करना पड़ा है, लेकिन इस बार 78 सीटों के प्रत्याशियों के लिए राहत रही। पार्टी के आला नेताओं का कहना है कि पहले जिस वरिष्ठ नेता के कारण भीतरघात होता था, अब वे पार्टी में नहीं हैं। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कुछ सीटों पर असंतोष जरूर फूटा था, तब पार्टी ने कुछ बागियों को पार्टी से ही बाहर कर दिया और बाकी को वरिष्ठ नेताओं ने मना लिया था।

इन सीटों पर भीतरघात

अभी तक रायपुर पश्चिम, रायपुर ग्रामीण, रायपुर उत्तर, बालोद, डौंडीलोहारा, धमतरी, गुण्डरदेही, बिलाईगढ़, लोरमी, कोंडागांव और दो विधानसभा क्षेत्रों से भीतरघातियों की नामजद शिकायत आई है।

भीतरघात और असंतोष को कम करने का फॉर्मूला

- पार्टी ने इस बार जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछ-परख बढ़ाई। पहली बार बूथ स्तर पर संगठन बनाकर चुनावी प्रशिक्षण दिया। प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में भी जमीनी कार्यकर्ताओं की भागीदार तय करने के लिए उनसे दावेदारों पर फीडबैक लिया गया।

- बंद कमरे में प्रत्याशी या पैनल बनाने की परंपरा बंद की। इस बार हर विधानसभा क्षेत्र में संकल्प शिविर लगाकर दावेदारों को मंच पर आने का मौका मिला। सभी को दावेदारी के लिए ब्लॉक अध्यक्ष के पास आवेदन जमा करने का मौका भी दिया।

शिकायत ज्यादा नहीं : भूपेश

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि भीतरघातियों की शिकायत ज्यादा नहीं है। इससे यह साफ हो गया है कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा है। जी-जान लगाकर मेहनत की है। इस बार संगठन ने चुनाव लड़ा है, इसलिए परिण्ााम कांग्रेस के पक्ष में आने वाला है। भीतरघातियों पर कार्रवाई की बात है तो वह जल्द ही होगी।


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