MP Election: जहां से टिकट मांगा, वहां से नहीं मिला, जहां से नहीं मांगा, वहां भेजा
सोच-समझ कर टिकट तय करने का दावा करने वाले राजनीतिक दलों ने अपनी अंतिम सूची में कुछ ऐसे फैसले लिए, जो चौंकाने वाले हैं।
अभिषेक चेंडके, इंदौर। एक-एक विधानसभा पर सोच-समझ कर टिकट तय करने का दावा करने वाले राजनीतिक दलों ने अपनी अंतिम सूची में कुछ ऐसे फैसले लिए, जो चौंकाने वाले हैं। दावेदार जहां से टिकट मांग रहे थे, वहां के बजाए उन्हें दूसरी विधानसभा का टिकट दे दिया। इंदौर की दो सीट महू और तीन नंबर में ऐसा प्रयोग भाजपा ने किया तो कांग्रेस ने पांच नंबर विधानसभा में इस फॉर्मूले को आजमाया। टिकट पाकर प्रत्याशी खुद हैरान हैं लेकिन पार्टी का फैसला मान कर मैदान पकड़ चुके हैं।
जिले में भाजपा की सूची तीन नंबर, महू और राऊ के कारण अटकी थी। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश को टिकट दिलाने पर अड़े थे और चाहते थे कि दो नंबर जैसी सुरक्षित सीट से बेटे की लाचिंग हो सके। दो नंबर के विधायक रमेश मेंदोला खुद किसी टफ सीट से लड़ने के लिए तैयार थे। टिकट तय करने वाले रणनीतिकारों ने बीच का रास्ता निकालते हुए तीन नंबर विधानसभा से पिछला चुनाव जीती उषा ठाकुर को तो महू भेज दिया और उनकी सीट से नए चेहरे आकाश को मौका दिया। मेंदोला को भाजपा के परंपरागत गढ़ से जरूर तीसरी बार मौका दिया।
ग्रामीण सीट से दावेदारी, पार्टी ने शहर में भेज दिया
देपालपुर विधानसभा से टिकट के तगड़े दावेदार सत्यनारायण पटेल को कांग्रेस ने पांच नंबर विधानभसा का टिकट दिया है, जबकि वे इसके लिए राजी नहीं थे। पांच नंबर विधानसभा में 8 से ज्यादा नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे।
और इधर बागी बोले
पहले पार्टी टिकट देती है, फिर नेताओं के दबाव में निरस्त कर देती है। दो बार ऐसा कर पार्टी ने अन्याय किया है। कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी के दबाव में आकर बड़े नेताओं ने गलत फैसला लिया है। - प्रीति अग्निहोत्री, बागी उम्मीदवार, 1 नंबर विधानसभा
कार्यकर्ताओं की पंसद को नजरअंदाज कर पार्टी ने पैसे वालों को टिकट दिया है। यह फैसला पार्टी को चुनाव में भारी पड़ने वाला है। - कमलेश खंडेलवाल, बागी उम्मीदवार, 1 नंबर विधानसभा
मैंने नहीं मांगा था पांच नंबर से टिकट
मैंने पांच नंबर विधानसभा से टिकट नहीं मांगा था, मैं चाहता था कि क्षेत्र के जो नेता यहां से टिकट मांग रहे पहले उन्हें मौका मिले लेकिन पार्टी ने मुझे चुनाव लड़ने को कहा तो आदेश मान लिया। -सत्यनारायण पटेल, कांग्रेस प्रत्याशी 5 नंबर विधानसभा
मेंदोलाजी चाहते थे मैं दो नंबर से लडूं पहले मेरी दावेदारी महू से थी पर विधायक मेंदोलाजी चाहते थे कि पहला चुनाव मैं 2 नंबर से लडूं। एक दिन पहले तक लगा था कि ऐसा ही होगा लेकिन पार्टी ने मुझे 3 नंबर में मौका दिया। इसे मैं देवी अहिल्या का आशीर्वाद मानता हूं। -आकाश विजयवर्गीय, 3 नंबर से भाजपा प्रत्याशी
बेटी को क्यों जिलाबदर करवाया मैंने तो तीन नंबर विधानसभा में बूथ स्तर तक तैयारियां की थीं। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से यह सवाल मीडिया को पूछना चाहिए कि उन्होंने बेटे के खातिर बेटी को क्यों जिलाबदर करवाया है? मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करती हूं। -उषा ठाकुर, विधायक, क्षेत्र क्रमांक 3