MP Election 2018 : मंदसौर जिले में भितरघात करने वालों की सूचियां हो रहीं तैयार
MP Election 2018 : मतदाताओं के मिजाज को भांपने में प्रत्याशियों से लेकर भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकारों को भी पसीना आ गया है।
मंदसौर, आलोक शर्मा। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में औसत 81% मतदान के बाद भी एक भी दल का उम्मीदवार अपनी जीत का दावा करने की स्थिति में नहीं है। मतदाताओं के मिजाज को भांपने में प्रत्याशियों से लेकर भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकारों को भी पसीना आ गया है। वहीं इस बार भाजपा को भितरघात की नई समस्या अलग झेलना पड़ी है। खासकर गरोठ, मंदसौर व सुवासरा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों को कांग्रेस से ज्यादा अपनों का विरोध सहना पड़ा। अब मतगणना के इंतजार के साथ ही उम्मीदवार आलाकमान को शिकायत करने के साथ ही नुकसान करने वालों की सूचियां भी बना रहे हैं। पार्टी प्रत्याशियों ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कहा कि आलाकमान से चर्चा कर मौखिक रूप से भितरघातियों के नाम बता चुके हैं। मतगणना के बाद शिकवा-शिकायतों का दौर भी प्रारंभ हो गया है।
जिले में कांग्रेस के प्रत्याशियों को तो अपनी ही पार्टी में होने वाले भितरघात व बागियों से लड़ने की आदत सी हो गई है। कांग्रेस उम्मीदवारों ने बताया हम तो तैयारी भी उसी लिहाज से करते हैं। पर इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को पहली बार भारी तादाद में भितरघातियों से जूझना पड़ा। गरोठ व सुवासरा विस में एक-दो जगह ऐसी स्थिति भी देखी गई कि खुलेआम भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ ही भाजपा नेताओं ने काम भी किया है।
सुवासरा, मंदसौर, गरोठ तीनों ही जगह स्थिति खराब रही। भितरघात से परेशान रहे प्रत्याशी अब उन लोगों की सूचियां बना रहे हैं जिन्होंने चुनाव में नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। सूत्रों के अनुसार एक प्रत्याशी के समर्थकों ने जोश-जोश में इतने नामों को सूची में शामिल कर दिया कि प्रदेश स्तर पर सूची पहुंची तो वहां से सवाल किया गया कि इन सब पर कार्रवाई कर देंगे तो पार्टी में स्थानीय स्तर पर कितने नेता बचेंगे।
सरकार बनी नहीं मंत्री बनने की चिंता
अभी से प्रदेश में चौथी बार भाजपा सरकार बनने की स्थिति में जीतने के बाद मंत्री पद को लेकर अभी से खींचतान भी शुरू हो गई है। परिणाम आने के पहले ही प्रत्याशियों की इस कवायद पर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैरान हैं। मंदसौर संसदीय क्षेत्र से वर्तमान विस में कोई भी विधायक मंत्री नहीं है। इस बार मल्हारगढ़ से भाजपा उम्मीदवार जगदीश देवड़ा छठी बार, यशपालसिंह सिसौदिया तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। देवड़ा और सिसौदिया दोनों ही जीतने पर मंत्री बनने को लेकर आश्वस्त हैं। वहीं कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में नरेंद्र नाहटा व सुभाष सोजतिया जीतने पर मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इनकी चर्चा होते ही दोनों दलों में विरोधियों ने अभी से इनके खिलाफ तैयारी शुरू कर दी है।