Move to Jagran APP

ग्वालियर-चंबल में भाजपा-कांग्रेस के 'महावतों' ने बढ़ाई 'हाथी की चाल'

ग्वालियर-चंबल संभाग में कुल 34 विधानसभा सीट हैं जिनमें से अधिकांश पर बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 01:45 AM (IST)
ग्वालियर-चंबल में भाजपा-कांग्रेस के 'महावतों' ने बढ़ाई 'हाथी की चाल'

हरिओम गौड़, श्योपुर। अभी तो विधानसभा चुनाव ढंग से शुरू भी नहीं हुआ क्योंकि, कई सीटों पर प्रत्याशी ही घोषित नहीं हुए। लेकिन, अब तक जो घटनाक्रम घटे हैं उनमें सबसे ज्यादा बहुजन समाज पार्टी ने चौंकाया है। बसपा ने भाजपा-कांग्रेस के नाराज नेताओं को दोनों हाथों से टिकट बांट डाले हैं।

loksabha election banner

इसका असर यह हुआ कि, जिन सीटों पर हाथी सुस्त पड़ा रहता था वहां हाथी की चिंघाड़ से भाजपा-कांग्रेस के गणित बिगड़ रहे हैं। चंबल-ग्वालियर संभाग में कई सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा-कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता है लेकिन, कांग्रेस-भाजपा के नेताओं ने हाथी की सवारी करके कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है।

उदाहरण ऐसे समझिए कि, विजयपुर विधानसभा को कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत का गढ़ माना जाता है। विजयपुर में हमेशा से भाजपा-कांग्रेस के बीच ही टक्कर रही है। पिछले कई चुनाव से बसपा की जमानत जब्त हो रही है लेकिन, इस बार विजयपुर से दो बार विधायक व राज्यमंत्री का दर्जा रहे बाबूलाल मेवरा ने भाजपा से बगावत कर हाथी की सवारी कर ली है।

मेवरा के बसपा प्रत्याशी बनने से विजयपुर की राजनीति के पूरे सीन बदल चुके हैं। पूरी तरह अब मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है क्योंकि, मेवरा भाजपा-कांग्रेस के वोटों में जमकर सेंध लगाएंगे। यह हालत केवल विजयपुर में नहीं बल्कि, ग्वालियर-चंबल संभाग की कई सीटों पर दिखाई पड़ रही हैं। कई जगह पर बसपा ने भाजपा-कांग्रेस के नाराज नेता को हाथी पर सवार कर दिया है जिससे सुस्त पड़ा हाथी कई जगहों पर सरपट दौड़ता नजर आ रहा है।

कहां-कहां हाथी ने गड़बड़ाया फूल-पंजे का हिसाब

  • श्योपुर विधानसभा से बसपा ने इस बार कांग्रेस के सीनियर लीडर तुलसीनारायण मीणा को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में यहां त्रिकोणीय संघर्ष था, इस बार भी हाथी मजबूती से मैदान में डंट गया है क्योंकि, श्योपुर में मीणा समाज के वोट सबसे ज्यादा हैं।
  •  ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साहब सिंह गुर्जर ने टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत कर बसपा में शामिल हो गए हैं। ग्वालियर ग्रामीण में गुर्जर समाज के वोटों का दबदबा है ऐसे में साहब सिंह गुर्जर के बसपा में आते ही हाथी की चाल बढ़ गई जिसने भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के समीकरणों को गड़बड़ा दिया है।
  • शिवपुरी के भाजपा नेता व कृषि उपज मंडी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह पोहरी विधानसभा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो बगावत कर बसपा से टिकट ले आए। पोहरी कुशवाह बाहुल्य सीट होेने से यहां हाथी का कद बढ़ गया है और भाजपा-कांग्रेस के वोट का हिसाब गड़बड़ा रहा है।
  • भाजपा से चार बार भिंड के सांसद रहे रामलखन सिंह कुशवाह के बेटे संजीव सिंह कुशवाह जो खुद जिपं अध्यक्ष रहे हैं वह, पिछले चुनाव में बसपा से टिकट लेकर चुनाव लड़े। इस बार भी बसपा के प्रत्याशी बनकर कांग्रेस व भाजपा का गणित बिगाड़ रहे हैं।

कई सीटों पर बसपा ने नहीं खोले पत्ते

ग्वालियर-चंबल संभाग में कुल 34 विधानसभा सीट हैं जिनमें से अधिकांश पर बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं। करीब 10 विधानसभा ऐसी रह गई हैं जहां बसपा ने अब तक पत्ते नहीं खोले। इस कारण भाजपा व कांग्रेस में हड़कंप सा मचा है।

जिन जगहों पर बसपा ने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया वहां पर भाजपा और कांग्रेस अपने नाराज नेताओं पर पैनी नजर गड़ाए हुए है। दोनों ही पार्टियों को डर है कि, कहीं कोई नाराज होकर हाथी पर न बैठ जाए। जिन जगहों पर बसपा ने पत्ते नहीं खोले उनमें भिंड जिले की गोहद, लहार व अटेर विधानसभा सीट है। ग्वालियर जिले की ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण एवं भितरवार विधानसभा, दतिया जिले की भांडेर, मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा सीट पर बसपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.