MP Election 2018: इंदौर की नौ विधानसभाओं में 12 उम्मीदवारों के नामांकन निरस्त, बचे 111
नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामांकन-पत्रों की जांच में 12 फॉर्म निरस्त हो गए।
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामांकन-पत्रों की जांच में 12 फॉर्म निरस्त हो गए। जांच के बाद 111 उम्मीदवारों के फॉर्म सही पाए गए। सबसे ज्यादा माथापच्ची विधानसभा इंदौर-1 में रही। यहां कांग्रेस ने प्रीति गोलू अग्निहोत्री और संजय शुक्ला दोनों को बी-फॉर्म जारी कर दिया था। निर्वाचन के नियमों और कानून की किताबों को पढ़ने और लंबी बहस के बाद प्रीति अग्निहोत्री का कांग्रेस से भरा गया पर्चा रद्द कर दिया गया और शुक्ला को कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया।
इससे पहले भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन गुप्ता ने दोनों के नामांकन रद्द करने की मांग करते हुए आपत्ति लगाई थी। पर यह आपत्ति दरकिनार करते हुए रिटर्निंग अधिकारी सोहन कनाश ने शुक्ला को प्रत्याशी घोषित किया। दूसरी तरफ प्रीति अग्निहोत्री की कांग्रेस से उम्मीदवारी भले ही खत्म हो गई हो लेकिन उनके द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरा पर्चा मान्य हो गया है। प्रीति के पति गोलू अपने वकील और समर्थकों के साथ रिटर्निंग अधिकारी से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने पूरा जोर लगाया कि उनकी पत्नी का पर्चा कायम रहे। दूसरी तरफ शुक्ला के वकील सौरभ मिश्रा नियमों की किताब लेकर पहुंचे थे। यहां कांग्रेस से दावेदारी कर रहे कमलेश खंडेलवाल का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा वैध पाया गया है। कांग्रेस नेताओं की मान-मनौवल के बाद वे मंगलवार या बुधवार को नाम वापस लेंगे या नहीं यह देखना है। नाम वापसी 14 नवंबर तक दोपहर 3 बजे तक हो सकती है।
20 मिनट की देरी ने बिगाड़ा गणित
कांग्रेस की ओर से इंदौर-1 में प्रीति अग्निहोत्री को पार्टी ने पहले अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया था। उनको बी-फॉर्म भी दे दिया गया था। दो दिन बाद प्रीति का नाम काटकर संजय शुक्ला को अधिकृत प्रत्याशी बनाया गया और बी-फॉर्म दे दिया। पर पार्टी ने यहां यह ध्यान नहीं रखा कि प्रीति को पहले जारी किए गए बी-फॉर्म को निरस्त करते हुए शुक्ला को बी-फॉर्म दिया जाए। दोनों प्रत्याशियों ने 9 नवंबर को नामांकन दाखिल किया। यहां नामांकन भरने में शुक्ला आगे रहे। उन्होंने सुबह 11.10 को नामांकन दाखिल किया तो प्रीति ने उसी दिन 11.30 बजे नामांकन भरा। बस वैधानिक रूप से यही देरी प्रीति का नामांकन खारिज होने का कारण बनी। शुक्ला ने निर्वाचन प्रतीक आरक्षण और आवंटन आदेश 1968 की धारा-13 क को अपनी ढाल बनाया। इस नियम के मुताबिक, यदि एक ही पार्टी दो उम्मीदवारों को बी-फॉर्म जारी करती है और गलती से पहले जारी किए गए बी-फॉर्म को निरस्त नहीं करती तो उस उम्मीदवार का नामांकन मान्य किया जाएगा जिसने पहले नामांकन दाखिल किया हो।
कहां-कितने फॉर्म निरस्त
राऊ विधानसभा में सर्वाधिक 4 फॉर्म निरस्त हुए हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा के भाई बलराम वर्मा ने भी डमी फॉर्म भरा था लेकिन इनके पास ए और बी फॉर्म नहीं होने से इनका फॉर्म निरस्त किया गया। निर्दलीय आशीष सिसोदिया की उम्र 22 साल ही थी जबकि चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष चाहिए थी, इसलिए उनकी उम्मीदवारी रद्द हो गई। प्रकाश बौरासी ने केवल 5 हजार रुपए निक्षेप राशि भरी थी लेकिन साथ में अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र पेश नहीं किया। प्रजाशक्ति पार्टी के नितिन विजय ने निक्षेप राशि जमा नहीं की थी। इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-5 और देपालपुर विधानसभा में एक-एक फॉर्म निरस्त किए गए। इंदौर-3 और महू विधानसभा में 2-2 उम्मीदवारों के नामांकन निरस्त हुए। इनमें भाजपा के डमी उम्मीदवार कंचनसिंह चौहान और भारतीय अमृत पार्टी के आशीष मसीह का नाम शामिल है। यहां कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार और भाजपा की उषा ठाकुर सहित अब 12 उम्मीदवार बचे हैं। इंदौर-4 और सांवेर ऐसी विधानसभा रहीं जहां एक भी नामांकन निरस्त नहीं हुआ।
देपालपुर में सबसे ज्यादा उम्मीदवार
अब तक की स्थिति को देखते हुए देपालपुर विधानसभा में सबसे ज्यादा 15 उम्मीदवार हैं। इसके बाद इंदौर-1, इंदौर-3 और इंदौर-5 में 14-14 उम्मीदवार हैं। इंदौर-4 और महू में 12-12 उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए गए। राऊ में 11 और सांवेर में 10 उम्मीदवार बचे हैं। इंदौर-2 में 9 उम्मीदवार बचे हैं।
ये नाराज प्रत्याशी भी पहुंचे, नाम वापस लेने की चर्चा
टिकट न मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ के बागी नेता सोमवार को कलेक्टोरेट में अपनी-अपनी विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारियों के पास पहुंचे। इंदौर-5 में कांग्रेस के छोटे यादव ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है जो मान्य तो हो गया लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा के बाद वे नाम वापस लेने पर तैयार हो गए हैं। वे कांग्रेस पर्यवेक्षक निमिष शाह के साथ आए थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में काम करने का वादा किया। इंदौर-3 में भाजपा के बागी प्रत्याशी ललित पोरवाल और जगदीश धनेरिया भी आए। दोनों ने पार्टी के लिए नाम वापस लेने की बात कही है।